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Navratri 2024: इस मंदिर में पति-पत्नी के साथ में दर्शन करने पर है पाबंदी! गणेश-कार्तिकेय जी से जुड़ी है मान्यता

Durga Mata Mandir, Shimla Himachal Pradesh: शिमला में माता दुर्गा को समर्पित कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी मान्यता और रहस्य लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। आज हम आपको शिमला में मौजूद एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां विवाहित जोड़ों का साथ में दर्शन करना अशुभ माना जाता है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Sep 28, 2024 05:51
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Durga Mata Mandir, Shimla Himachal Pradesh
यहां पति-पत्नी का साथ में दर्शन करना है पाप!

Durga Mata Mandir, Shimla Himachal Pradesh: शादी के बाद विवाहित जोड़ों का साथ में पूजा-पाठ करना शुभ माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और देवी-देवताओं के आशीर्वाद से कपल के बीच प्रेम बढ़ता है। लेकिन भारत में एक ऐसा भी मंदिर स्थित है, जहां पर विवाहित जोड़ों को साथ में पूजा करने के लिए मना किया जाता है। मान्यता के अनुसार, देश के इस मंदिर में यदि पति-पत्नी साथ में पूजा करते हैं, तो उनकी शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। चलिए जानते हैं शिमला में ये मंदिर कहां स्थित है, जहां पति-पत्नी को साथ में दर्शन करने से बचना चाहिए।

श्राई कोटि माता मंदिर कहां है?

माता दुर्गा को समर्पित देश में कई मंदिर स्थित हैं, जहां नवरात्रि के दौरान भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है। देवभूमि हिमाचल प्रदेश के शिमला में समुद्रतल से करीब 11,000 फीट ऊंचाई पर माता दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जहां रोजाना भक्तों का तांता लगा रहता है। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां पर दर्शन करने के लिए भक्तजन दूर-दूर से आते हैं। स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर को मां दुर्गा मंदिर और श्राई कोटि माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की देखरेख और धार्मिक कार्यक्रमों की जिम्मेदारी माता भीमा काली ट्रस्ट की है।

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लव लाइफ में आने लगती हैं परेशानियां!

धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्राई कोटि माता मंदिर में पति-पत्नी का साथ में पूजा व दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। अगर कोई विवाहित जोड़े गलती से भी साथ में इस मंदिर के दर्शन कर लेते हैं, तो उन्हें पाप लगता है। इसके अलावा दांपत्य जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Durga Mata Mandir

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इस वजह से विवाहित जोड़े नहीं करते दर्शन

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती के गणेश जी और कार्तिकेय जी दो पुत्र थे। एक दिन गणेश जी और कार्तिकेय भगवान के बीच शर्त लगी कि दोनों में से कौन ब्रह्मांड के जल्दी चक्कर लगा सकता है। भगवान गणेश ने शिव जी और माता पार्वती की परिक्रमा की और कहा मेरे लिए मेरे माता-पिता के चरणों में ही ब्रह्मांड है। लेकिन कार्तिकेय जी ने पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाया। पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर जब भगवान कार्तिकेय गणेश जी के पास आए, तो तब तक गणपति बप्पा का विवाह हो चुका था।

गणेश जी के विवाह की बात सुनकर कार्तिकेय जी नाराज हो गए और उन्होंने संकल्प लिया कि वो कभी शादी नहीं करेंगे। पुत्र कार्तिकेय के विवाह न करने की बात जब देवी पार्वती को पता चली, तो उन्हें बहुत दुख हुआ और उन्होंने उस जगह को श्राप दिया। जहां पर भगवान कार्तिकेय उस समय मौजूद थे।

मान्यता के अनुसार, भगवान कार्तिकेय उस शिमला में समुद्रतल से करीब 11,000 फीट ऊंचाई पर मौजूद थे। जहां पर आज श्राई कोटि माता मंदिर स्थित है। देवी पार्वती ने कहा, यहां पर जो भी पति-पत्नी कार्तिकेय जी के दर्शन करेंगे, वो कभी भी साथ नहीं रहेंगे। उनके वैवाहिक जीवन में परेशानियां बनी रहेंगी। इसी वजह से श्राई कोटि माता मंदिर में विवाहित जोड़े साथ में दर्शन करने से डरते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Sep 28, 2024 05:51 AM

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