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Shardiya Navratri 2025 First Day: कलश स्थापना के बाद इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग और आरती

Shardiya Navratri 2025 First Day Muhurat & Puja Vidhi: 22 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है, जिस दिन कलश स्थापना करके मां दुर्गा के पहले स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी. चलिए जानते हैं मां शैलपुत्री के स्वरूप, पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, भोग, मंत्र और आरती आदि के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 21, 2025 13:54
Maa Shailputri
Credit- AI

Shardiya Navratri 2025 First Day: वर्ष 2025 में 22 सितंबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है. नवरात्रि के पहले दिन सबसे पहले घटस्थापना यानी कलश स्थापना की जाएगी, जिसके बाद माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित करके उनका आह्वान किया जाएगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर को देवी शैलपुत्री की पूजा की जाएगी, जिन्हें मां पार्वती का ही एक रूप माना जाता है. देश के कई राज्यों में मां शैलपुत्री को देवी सती, देवी हेमवती और देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जाना जाता है, जिन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.

चलिए जानते हैं 22 सितंबर 2025 को किस मुहूर्त में मां शैलपुत्री की पूजा करना शुभ रहेगा. साथ ही आपको माता रानी की पूजा विधि, मंत्र, आरती, प्रिय फूल, रंग और भोग आदि के बारे में पता चलेगा.

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मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 06:28
  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:53 से सुबह 05:41
  • पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 06:28 से सुबह 08:20
  • अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:08 से दोपहर 12:56

मां शैलपुत्री का स्वरूप

देवी शैलपुत्री का वाहन बैल है, जिन्हें भुजाओं के साथ दर्शाया गया है. माता रानी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है.

मां शैलपुत्री के मंत्र

माता शैलपुत्री का देवी कवच

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मां शैलपुत्री की पूजा विधि

  • घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
  • हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें.
  • सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें.
  • कलश स्थापना करके मां दुर्गा के 9 रूपों की मूर्ति स्थापित करें.
  • मां शैलपुत्री का नाम लें और मंत्रों का जाप करें.
  • माता रानी को पुष्प, वस्त्र, श्रीफल, चंदन, पान, सुपारी और भोग आदि चीजें अर्पित करें.
  • देसी घी का एक दीपक जलाकर आरती करें.
  • शाम में फिर से पूजा करने के बाद फलाहार करें.

माता शैलपुत्री की आरती

देवी शैलपुत्री का प्रिय फूल, रंग और भोग क्या है?

देवी शैलपुत्री का प्रिय पुष्प चमेली है, जबकि पसंदीदा रंग सफेद है. इसके अलावा माता रानी का प्रिय भोग खीर, रबड़ी, दूध की बर्फी और घी है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 21, 2025 01:06 PM

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