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Navratri 2024: नवरात्रि कल से शुरू, जानें घट-स्थापना मुहूर्त और माता की अखंड ज्योति से जुड़े ये 5 नियम

Navratri 2024: घट-स्थापना या कलश स्थापना को नवरात्रि के आरंभ का प्रतीक मानते हैं। यह अनुष्ठान 3 अक्टूबर, 2024 को है। आइए जानते हैं, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है और अखंड ज्योति से जुड़े 5 महत्वपूर्ण नियम क्या हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 2, 2024 07:38
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अखंड ज्योति देवी मां की शक्ति और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है।

Navratri 2024: जगतजननी माता दुर्गा और उनके 9 दिव्य रूपों की आराधना का महापर्व नवरात्रि गुरुवार 3 अक्टूबर, 2024 से शुरू हो रहा है। प्रचलित परंपरा के अनुसार, दुर्गा पूजा की शुरुआत घट-स्थापना या कलश स्थापना से होती है। इसलिए घट-स्थापना को इस 10 दिवसीय उत्सव के आरंभ का प्रतीक मानते हैं। घट स्थापना के साथ ही, इस मौके पर माता रानी के लिए अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। आइए जानते हैं, इस साल घट स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है और अखंड ज्योति से जुड़े ये 5 नियम क्या हैं?

घट-स्थापना मुहूर्त 2024

शारदीय नवरात्रि पूजन आश्विन महीने में प्रतिपदा तिथि को घट-स्थापना से शुरू होती है। पंचांग के अनुसार, साल 2024 में घट-स्थापना का सर्वोत्तम मुहूर्त बृहस्पतिवार 3 अक्टूबर 2024 को 06:30 AM से 07:31 AM के बीच में है। यदि किसी कारणवश 1 घण्टा 2 मिनट की यह अवधि साधक चूक जाते हैं, तो घट-स्थापना अभिजित मुहूर्त में 12:03 PM से 12:51 PM के बीच भी की जा सकती है।

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अखंड ज्योति के 5 नियम

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। यह एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि यह भक्तों को अपने भीतर की धार्मिक और आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करने में मदद करती है। शारदीय नवरात्रि में भी पर्व के पहले दिन से घर में अखंड ज्योति भी स्थापित की जाती है और इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। आइए जानते हैं, अखंड ज्योति से जुड़े 5 महत्वपूर्ण नियम क्या हैं?

वीडियो: नवदुर्गा की पूजा से प्राप्त होनेवाले लाभ व सिद्धियां

1- धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, अखंड ज्योति को हमेशा पूजा स्थान या घर के मंदिर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में स्थापित करना चाहिए।

2- नवरात्रि में जगतजननी मां दुर्गा और उनके 9 रूपों की पूजा के साथ-साथ अखंड ज्योति की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि हिन्दू धर्म में अखंड ज्योति को देवी मां का प्रतीक माना जाता है।

3- मान्यता है कि जिस घर में अखंड ज्योति स्थापित की जाती है, उस घर को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।

4- अखंड ज्योति की पवित्रता को बनाए रखने के लिए घर में भूल कर भी तामसिक भोजन नहीं बनना चाहिए। कहते हैं कि जो नवरात्रि का व्रत रखते हैं, उनको तामसिक भोजन की गंध और दर्शन से भी दूर रहना चाहिए।

5- जो लोग अखंड ज्योति स्थापित करते हैं, उन्हें बहुत सजग रहना चाहिए। उन्हें ज्योति की जांच करते रहनी चाहिए, ताकि उसमें तेल और बाती की कोई दिक्कत न हो, हवा आदि से सुरक्षा हो और किसी भी सूरत में यह बुझनी नहीं चाहिए।

बता दें, अखंड ज्योति को अंधकार पर प्रकाश की जीत और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। यह सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत मानी गई है, जो वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Oct 02, 2024 06:16 AM

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