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Navratri 2024: देवी दुर्गा का डोली पर आगमन शुभ है या अशुभ; उनकी विदाई की सवारी से देश-दुनिया पर होंगे ये असर!

Navratri 2024: शक्ति आराधना को समर्पित महापर्व नवरात्रि इस साल 3 से 12 अक्टूबर, 2024 तक है। मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में देवी दुर्गा विशेष वाहन पर सवार होकर आती हैं। आइए जानते हैं कि इस साल माता रानी के आगमन और प्रस्थान की सवारी क्या है और उसके क्या मायने हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Sep 26, 2024 22:10
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Navratri 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व देवी पूजा और शक्ति आराधना को समर्पित है। एक साल में कुल 4 नवरात्रि होते हैं, जिसमें शरद ऋतु के नवरात्रि को सबसे प्रमुख माना गया है और वास्तविक अर्थों में दुर्गा पूजा कहा जाता है। शरद ऋतु में होने के कारण इसे शारदीय नवरात्रि भी कहते हैं। प्रचलित परंपरा के अनुसार, नवरात्रि से एक दिन पहले मां दुर्गा का धरती पर आने के लिए आह्वान किया जाता है, जिसे ‘महालया’ कहते हैं। साल 2024 में यह 2 अक्टूबर को पड़ रहा है।

भक्तों की पुकार पर माता रानी 10 दिनों के लिए मनुष्यों के बीच रहती है और कलश स्थापना से विधिवत नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत बृहस्पतिवार 3 अक्टूबर, 2024 से हो रही है। इसका शुभ समापन विजयादशमी यानी दशहरा के रोज 12 अक्टूबर को होगा। लोगों की आस्था है कि मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा करने से व्यक्तिमात्र के जीवन से सब दुख और संकट दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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माता रानी के आगमन और प्रस्थान की सवारी

हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक, मां दुर्गा जब धरती पर आती हैं, विशेष वाहन यानी सवारी पर आती हैं। उनके आगमन की तरह उनके प्रस्थान यानी जाने की सवारी भी विशिष्ट होती है। आचार्यों और पंडितों के अनुसार, इस साल माता रानी डोली यानी पालकी पर सवार होकर आएंगी। आइए जानते हैं, कलश स्थापना कब है, माता रानी के आगमन और प्रस्थान की सवारी के क्या मायने हैं और और इसका देश-दुनिया क्या असर होंगे?

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डोली पे सवार होकर आएंगी देवी मां

हिन्दू धर्म की मान्यता है कि माता दुर्गा हर साल अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। वे जिस वाहन पर सवार होकर आती हैं, उसका देश-दुनिया पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। पंडितों और आचार्यों के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा ‘डोली’ यानी ‘पालकी’ सवार होकर आएंगी। माता दुर्गा किस वाहन पर सवार होकर आएंगी, यह दिनों के हिसाब से तय होता है। परंपरा के मुताबिक, बृहस्पतिवार को नवरात्रि शुरू होने पर माता रानी डोली या पालकी पर बैठकर आती हैं।

धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, देवी मां का डोली पर सवार होकर आना अच्छा नहीं माना गया है। देवी पुराण के अनुसार, पालकी पर सवार का संकेत है कि देश में आर्थिक मंदी आ सकती है। प्रकृति अपने रौद्र रूप में जान-माल का नुकसान कर सकती हैं। राजनीतिक रूप से अव्यवस्था का माहौल बन सकता है। यह देश-दुनिया में महामारी के बढ़ने के संकेत भी देता है।

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चरणायुध पर वापस जाएंगी माता रानी

हिन्दू धर्म की मान्यता है कि न केवल माता रानी के आने की सवारी का देश-दुनिया पर असर होता है, बल्कि उनके प्रस्थान यानी जाने की सवारी का भी व्यापक प्रभाव पड़ता है। इस साल दुर्गा माता चरणायुध पर वापस जा रही हैं। बता दें कि बड़े पंजे वाले मुर्गे को चरणायुध कहा जाता है। इस सवारी यानी मुर्गे पर देवी माता का जाना अशुभ माना गया है। ऐसी स्थित में लोगों का आपस में कलह बढ़ेगा, तबाही की स्थिति रह सकती है। कहते हैं कि माता के मुर्गे पर वापस जाने से लोगों के कष्ट में भी वृद्धि होती है। लोग कई प्रकार के रोगों से परेशान रह सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Sep 26, 2024 10:07 PM

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