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जैन मुनि Samay Sagar Ji Maharaj कौन? जो समाज के नए संत शिरोमणि आचार्य बने

Jain Muni Acharya Samay Sagar Ji Maharaj: देश के सबसे बड़े जैन संघ के आचार्य करीब 52 साल बाद नए संत शिरोमणि आचार्य मिल गए हैं, जिन्होंने आज मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित जैन तीर्थ क्षेत्र में आयोजित भव्य समारोह में रीति रिवाजों के साथ पद ग्रहण कर लिया।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Apr 16, 2024 16:01
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Jain Muni Acharya Samay Sagar Ji Maharaj
Jain Muni Acharya Samay Sagar Ji Maharaj

Acharya Samay Sagar Ji Maharaj Profile: जैन समाज को आज नए संत शिरोमणि आचार्य मिल गए हैं। फरवरी 2024 में विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने के बाद जैन मुनि आचार्य का पद उनके शिष्य समय सागर जी महाराज ने ग्रहण किया। अब वे जैन संत शिरोमणि आचार्य कहलाएंगे। मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित जैनतीर्थ कुंडलपुर में पहली बार आचार्य पदारोहण महामहोत्सव हुआ, जिसमें विधि विधान के साथ उन्हें पद ग्रहण कराया गया।

देश के सबसे बड़े जैन संघ के आचार्य करीब 52 साल बाद बदले हैं। इस मौके पर दमोह में जहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों जैन समुदाय के लोग मौजूद रहे। वहीं 19 अप्रैल को दमोह में ही एक विशाल महोत्सव होने जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिरकत करने की चर्चा है। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने ही समाधि लेने से पहले मुनि श्री समय सागर महाराज को आचार्य पद सौंपने की इच्छा जताई थी। आइए जानते हैं कि आचार्य समय सागर महाराज कौन हैं?

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पूर्व आचार्य विद्यासागर के छोटे भाई समय सागर

27 अक्टूबर 1958 को कर्नाटक के वेलगाम में जन्मे जैन मुनि समय सागर जी महाराज की उम्र इस समय 65 साल है। सांसारिक जीवन में पूर्व आचार्य विद्यासागर के सगे भाई हैं। इनका असली नाम शांतिनाथ जैन था, जो जैन दीक्षा लेने के बाद मुनि समय सागर जी महाराज बन गए। इनके अलावा उनके 2 छोटे भाई मुनि श्री योग सागर जी महाराज और मुनि धर्म सागर जी महाराज हैं। इनकी 2 बहनें भी हैं, जिन्होंने मुनि धर्म सागर जी महाराज से दीक्षा ली हुई है।

पिता मल्लप्पाजी जैन और मां श्रीमति जी जैन हैं। संत शिरोमणि आचार्य समय सागर जी महाराज सांसारिक जीवन में 6 भाई-बहन हैं और इनमें वह छठे नंबर पर हैं। इन्होंने सांसारिक जीवन त्याग कर 2 मई 1975 को ब्रह्मचर्य जीवन ग्रहण किया। 18 दिसंबर 1975 को उन्होंने झुल्लक दीक्षा (छोटी दीक्षा) ग्रहण की। 31 अक्टूबर 1978 को एलक दीक्षा ली, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित जैन तीर्थ नैनागिरी जी में दी गई। मुनि दीक्षा 8 मार्च 1980 को ग्रहण की।

 

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने व्यक्त की प्रतिक्रिया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दमोह में आयोजित जैन समाज के पदारोहण महोत्सव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुनि समय सागर जी महाराज का बतौर संत शिरोमणि आचार्य पदारोहण सौभाग्य की बात है। जैन संघ सबसे बड़ा है और 52 साल बाद जैन संघ में उनके उत्तराधिकारी के लिए कुंडलपुर में भव्य आयोजन हो रहा है, जिसे देखने के लिए एक तरह से देवता भी तरस जाते हैं। आनंद का क्षण आया है। हम सब के लिए सौभाग्य की बात है। मध्य प्रदेश सरकार के लिए आनंद की बात है। समारोह में  RSS चीफ मोहन भागवत भी आए।

जैसे आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने देश-दुनिया का मार्गदर्शन किया, वे भी हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। आचार्य विद्यासागर जी के जाने के बाद मैं उनके समाधि स्थल पर गया था। मृत्युलोक से पृथ्वीलोग में जो आता है, वह जाता भी है, लेकिन आने और जाने के क्रम में संतों की पुण्ययाई, तपस्या, आशीर्वाद सृष्टि को लाभान्वित करता रहता है। मैं एक बार फिर आचार्य जी के पदारोहण के लिए, मुनि श्री समय सागर जी को इस नए दायित्व के लिए बधाई देना चाहूंगा और उम्मीद करूंगा कि उनके मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश सरकार लगातार काम करती रहेगी।

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First published on: Apr 16, 2024 03:55 PM

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