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Religion

Apara Ekadashi 2025: पापों से मुक्ति दिलाने वाली अपरा एकादशी कब? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जन्म-जन्मांतर में किए सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए अपरा एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। चलिए जानते हैं अपरा एकादशी की सही तिथि, पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 8, 2025 16:09
Apara Ekadashi 2025
अपरा एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए अपरा एकादशी के दिन का खास महत्व है, जिस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत रखना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से अपरा एकादशी के दिन उपवास रखते हैं, उन्हें जन्म-जन्मांतर में किए सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मोक्ष मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

हर साल ये व्रत ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन अपरा एकादशी का उपवास रखा जाएगा। साथ ही आपको भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि और व्रत के पारण के सही समय के बारे में पता चलेगा।

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अपरा एकादशी 2025 में कब है?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 23 मई 2025 को प्रात: काल 01 बजकर 12 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 23 मई को ही देर रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 23 मई 2025, दिन शुक्रवार को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

हालांकि व्रत का पारण अगले दिन होगा। 24 मई 2025 को प्रात: काल 05 बजकर 26 मिनट से सुबह 08 बजकर 11 मिनट के बीच अपरा एकादशी के व्रत का पारण करना शुभ रहेगा।

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23 मई 2025 के मुहूर्त और योग

  • सूर्योदय- प्रात: काल 5:46
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04:10 से लेकर 04:58 मिनट तक
  • अमृत काल- सुबह 10:52 से लेकर दोपहर 12:21 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12:50 मिनट तक
  • राहुकाल- सुबह 10:44 से लेकर दोपहर 12:23 मिनट तक
  • प्रीति- 22 मई को देर रात 09:49 से लेकर 23 मई को शाम 06:36 मिनट तक
  • आयुष्मान- 23 मई को शाम 06:36 से लेकर 24 मई को दोपहर 03 बजे तक

अपरा एकादशी की पूजा विधि

अपरा एकादशी से एक दिन शाम में सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद पीले रंग के कपड़े धारण करें। घर में मौजूद पूजा स्थल में एक चौकी के ऊपर विष्णु जी और मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।

देवी-देवताओं को पीले रंग के वस्त्र, चंदन, फूल, फल, तुलसी दल, अक्षत, नारियल, पंचामृत और मिठाई अर्पित करें। धूप और देसी घी का दीपक जलाएं। इस दौरान ”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। अपरा एकादशी के व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। विष्णु जी की आरती उतारें और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें। व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंद लोगों को धन या वस्त्र का दान करें।

अपरा एकादशी पूजा की सामग्री लिस्ट

  • लकड़ी की चौकी
  • पीला कपड़ा
  • भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर
  • फल
  • फूल
  • धूप
  • दीपक
  • देसी घी
  • तुलसी दल
  • पीला चंदन
  • मिठाई
  • नारियल
  • पंचामृत

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 08, 2025 04:09 PM

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