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Relationship Tips: फीलिंग्स को समझना है तो इंसानों से बात करो, AI से नहीं- विनम्रसागर ने बताया इसका खतरनाक असर

आजकल के समय में ऐसे बहुत से लोग हैं जो कि हर वक्त फोन के सहारे रहते हैं। इसके साथ ही बहुत से तो बस CHATGPT पर ही निर्भर रहते हैं। अब चाहें वह रिलेशनशिप को लेकर सलाह हो या बच्चों के नाम चुनने का सवाल। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं तो आइए जानते हैं विनम्रसागर के अनुसार AI के नुकसान के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 29, 2025 15:12

Relationship Tips: आज के समय में हर चीज के माध्यम से लोगों की जिंदगी आसान हो गई है। आज के दौर के लोग AI पर पूरी तरह निर्भर हो चुके हैं। चाहे डिश बनाने की रेसिपी हो या बच्चे का नाम रखना हो, यहां तक कि डिप्रेशन से बाहर निकलना हो लोग सब कुछ AI से ही पूछते हैं और उसी सलाह को अपनी असल जिंदगी में रोज अपनाते हैं। क्या आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, जो हर काम के लिए AI का सहारा लेते हैं? अगर हां तो आइए जानते हैं विनम्रसागर के मुताबिक AI आपके रोजाना की जिंदगी में सलाह के लिए क्यों नुकसानदायक है।

लोगों का खुद पर से ज्यादा भरोसा AI पर है

विनम्र सागर के मुताबिक आजकल के लोग खुद पर भरोसा कम और CHATGPT पर भरोसा ज्यादा करते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले बच्चों के नाम को कुंडली और ग्रहों को देखकर रखा जाता था। लेकिन आजकल लोग CHATGPT पर डालते हैं और हजारों नाम सामने आ जाते हैं, जिसमें से कोई एक नाम चुन लेते हैं।

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एंजाइटी और डिप्रेशन में भी AI का सहारा

विनम्र सागर का मानना है कि आजकल के लोग अपनी हेल्थ से जुड़ी टिप्स भी AI से ले रहे हैं। CHATGPT पर डालते हैं कि एंजाइटी और डिप्रेशन से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। AI जो उत्तर देता है, वैसी ही चीजें   लोग अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेते हैं।

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चैट थ्रेड कॉपी करके AI से मांगते हैं रिलेशनशिप का जवाब

ऐसे बहुत से लोग हैं जिनका ब्रेकअप हो जाता है तो पूरा चैट थ्रेड कॉपी करके CHATGPT से पूछते हैं कि गलती किसकी थी, ब्रेकअप क्यों हुआ, और कैसे रिश्ते को ठीक करें। विनम्र सागर कहते हैं कि चीजें बस यहीं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि क्या पहनना है, ट्रेंड में क्या है, रेसिपी क्या बनानी है हर चीज को लेकर लोग CHATGPT पर निर्भर हैं।

AI से ही करने लगते हैं बात

विनम्र सागर के अनुसार कुछ तो ऐसे लोग भी हैं जो CHATGPT से ही बातचीत करने लगते हैं। AI को ही अपनी सारी बातें सुना देते हैं।

भावनाएं इंसानों से ही समझी जा सकती हैं, AI से नहीं

विनम्र सागर का कहना है कि टेक्नोलॉजी सब कुछ आसान बना सकती है, लेकिन फीलिंग्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नहीं, इमोशनल इंटेलिजेंस से ही समझी जा सकती हैं। कभी-कभी मां की डांट, दोस्तों का प्यार ये कोई AI नहीं दे सकता। इसके साथ ही विनम्रसागर कहते हैं कि AI से जवाब लेना सीखो, लेकिन इमोशंस इंसानों के साथ ही बांटो, क्योंकि इमोशंस ‘हार्ट टू हार्ट’ होते हैं।

First published on: Jul 29, 2025 02:31 PM

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