भारत की लगभग आधी आबादी हर रोज ट्रेन में सफर करती हैं। इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं। ट्रेन में महिला पैसेंजर की सेफ्टी पर सवाल उठते रहते हैं। ऐसी बहुत सी औरतें हैं जिन्हें ट्रेन से जुड़े अपने अधिकारों के बारे में ज्यादा नहीं पता होता। अपने अधिकारों के अभाव में वो कई बार शोषण का शिकार हो जाती हैं। आज हम ट्रेन में सफर करने वाली महिला यात्रियों को उनके 5 ऐसे अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जान उनका सफर आसान हो जाएगा।
1. टिकट न होने पर क्या करें
अक्सर कहा जाता है कि यदि किसी रेल यात्री के पास टिकट न हो तो उसे उतार दिया जाता है और जुर्माना भी लगाया जाता है। महिलाओं के साथ ऐसा नहीं है अगर किसी महिला पैसेंजर के पास टिकट नहीं है तो उसे ट्रेन से उतारा नहीं जा सकता। खास तौर पर रात के समय। ये नियम महिला सुरक्षा को देखते हुए बनाया गया है।
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2. सीट करवा सकती है चेंज
अगर कोई महिला अकेले ट्रेन में सफर कर रही है और वो अपनी सीट को लेकर असहज महसूस कर रही है तो वो अपनी सीट बदलवा सकती है। हालांकि इसके लिए उन्हें जायज कारण बताना होगा।
3. क्या महिला अपने लड़के को महिला कोच में ले जा सकती है
जो महिला ट्रेन में अकेले सफर करती है वो अपने 12 साल से कम उम्र के लड़के को अपने साथ महिला कोच में ले जा सकती है। कथित तौर पर रेलवे में ये नियम बनाया गया है।
4. महिला कोच में यात्रा नहीं कर सकता पुरुष
ये भी बड़े काम की बात है कि महिला कोच में कोई भी पुरुष यात्रा नहीं कर सकता। फिर चाहे को आर्मी मैन ही क्यों न हो। अक्सर देखा जाता है कि महिलाएं ये बोलकर अपने पति या बेटे को महिला कोच में बैठा लेती हैं कि वो उनके साथ हैं, लेकिन ये रेलवे के नियम के विरुद्ध है।
5. मदद के लिए इस नंबर पर कर सकती हैं फोन
हर महिला यात्री के लिए ये बड़े काम की बात है कि वो जरूरत पड़ने पर या परेशानी में तुरंत 139 नंबर पर फोन कर सकती हैं। इस नंबर पर कॉल कर तुरंत मदद मुहैया करवाई जाती है।
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