Wrestlers Case: देश की प्रमुख महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह का केस वकील राजीव मोहन लड़ हैं। ये वहीं राजीव मोहन है, जो साल 2012 के निर्भया केस में सरकारी अभियोजक थे। राजीव मोहन निर्भया केस में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए थे। उन्होंने निर्भया को इंसाफ दिलाया था।
जानकारी के मुताबिक, राजीव मोहन ने मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान बृज भूषण की पैरवी की। पेशी के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ उत्पीड़न मामले में उन्हें दो दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। अब उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
मार्च 2020 में निर्भया के आरोपियों को मिली थी सजा
निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में मार्च 2020 में चार आरोपियों को दोषी ठहराया गया और फांसी दी गई। इस मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे और यौन उत्पीड़न के खिलाफ मजबूत कानून की मांग की गई थी।
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बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी और उन्हें डब्ल्यूएफआई के शीर्ष पद से हटाने की मांग को लेकर इस साल की शुरुआत से कई पहलवान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 2 जून को दिल्ली पुलिस ने बृज भूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के आधार पर दो एफआईआर और 10 शिकायतें दर्ज कीं।
पहलवानों ने लगाए थे ये आरोप
डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ शिकायत में गलत तरीके से छूने समेत अन्य आरोपों का जिक्र किया गया है। वहीं एक नाबालिग की ओर से दायर शिकायत में दिल्ली पुलिस ने एक एफआईआर रद्द कर दी है। कहा गया है कि संबंधित आरोपों को लेकर कोई भी सबूत नहीं मिला है।
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में पहलवानों के मामले पर निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था कि अगर पहलवानों के आरोपों की जांच ठीक से नहीं हुई और उन्हें न्याय नहीं मिला तो यह देश की न्याय प्रणाली पर एक धब्बा होगा।