देश में सबसे बड़े न्याय के मंदिर में सोमवार को शर्मनाक कार्य हुआ। एक वकील ने सीजीआई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट में सीजीआई पर जूता फेंकने की कोशिश की चर्चा क्षण भर ही पूरे देश में फैल गई है। इसमें आरोपी वकील का नाम सामने आया है। उसकी पहचान राकेश किशोर है। आरोपी वकील की उम्र 60 साल है। सुप्रीम कोर्ट बार में राकेश किशोर का रजिस्ट्रेशन साल 2011 में हुआ था।
क्यों किया हमले का प्रयास?
कोर्ट में सोमवार को किसी मामले में सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान वकील राकेश किशोर जज की डेस्क की तरफ बढ़े। मौका मिलते ही आरोपी वकील ने जूता निकालकर जस्टिस बीआर गवई की तरफ फेंक दिया। हालांकि जूता जज की डेस्क तक नहीं पहुंचा। मौजूद वकीलों ने बताया कि राकेश ने चिल्लाते हुए कहा था कि सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
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इस वजह से जस्टिस से थे नाराज
मप्र के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका गई थी। सुनवाई करते हुए सीजीआई की पीठ ने गत 16 सितंबर को याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने तर्क दिया था कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। सीजीआई की पीठ ने कहा था कि भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। हालांकि बाद में सीजीआई ने सफाई देते हुए कहा था कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। सफाई में कहा था कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। इसी बात को लेकर आरोपी वकील में नाराजगी थी।
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