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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कोर्ट में केस विचाराधीन तो PMLA के तहत गिरफ्तारी नहीं कर सकती ED

Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने आज PMLA एक्ट के तहत ED द्वारा की गिरफ्तारी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनाैती दी गई थी, जिस पर सुनवाई के बाद आज अहम फैसला सुनाया गया।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 16, 2024 12:54
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एससी-एसटी कोटा में सब-कैटेगिरी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
एससी-एसटी कोटा में सब-कैटेगिरी पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

Supreme Court Verdict On ED Arrest: सुप्रीम कोर्ट ने आज ED द्वारा की जाने वाली गिरफ्तारी को लेकर अहम फैसला सुनाया है। एक याचिका का निपटारा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग का केस कोर्ट में विचाराधीन है तो प्रवर्तन निदेशालय (ED) प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत गिरफ्तारी नहीं कर सकती। अगर गिरफ्तारी की जरूरत है भी तो जांच एजेंसी संबंधित अदालत से परमिशन मांगे।

अगर जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के लिए बताए गए कारणों से अदालत संतुष्ट हुई तो सिर्फ एक बार के लिए आरोपी की हिरासत ED को मिलेगी, लेकिन वह गिरफ्तार नहीं कर सकेगी, बल्कि हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद छोड़ना पड़ेगा। याचिकाकर्ता ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के दिसंबर 2023 के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की।

 

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समन मिलने पर पेश हुआ आरोपी तो जमानत मिल जाएगी

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला याचिका में पूछे गए उस सवाल के जवाब में दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या PMLA एक्ट के तहत दर्ज मामले में किसी आरोपी को उन मामलों में भी जमानत के लिए कड़े दोहरे परीक्षण से गुजरना पड़ेगा, जहां विशेष अदालत अपराध का संज्ञान ले चुकी है। अपराध कोर्ट में विचाराधीन है और सुनवाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अगर आरोपी कोर्ट में पेश हुआ है तो उसे जमानत याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है। केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और उसमें दर्ज आरोपी को कोर्ट ने समन भेजकर बुलाया और वह पेश हो गया तो उसे जमानत मिल जाएगी। उस पर PMLA एक्ट की धारा 45 और उसकी शर्तें लागू नहीं होंगी।

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कोर्ट फैसला करेगी हिरासत देने पर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 44 के तहत फैसला सुनाया। पीठ की तरफ से कहा गया कि PMLA एक्ट की धारा 4 के तहत अगर शिकायत पर संज्ञान लिया गया है, तब ED आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। उसे गिरफ्तार करने के लिए एक्ट की धारा 19 के तहत मिली अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती।

फिर भी अगर ED को पूछताछ के लिए, जांच को आगे बढ़ाने के लिए आरोपी की गिरफ्तारी चाहिए तो ED को संबंधित कोर्ट को आरोपी की हिरासत के लिए आवेदन देना होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट फैसला लेगी कि आरोपी की हिरासत ED को दी जाए या नहीं। अगर हिरासत दी गई तो वह सिर्फ एक बार के लिए मिलेगी।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: May 16, 2024 12:26 PM

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