CJI DY Chandrachud: हरीश साल्वे समेत 500 से अधिक प्रमुख वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने न्यायपालिका की अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है। वकीलों ने पत्र में लिखा है कि कानून को बनाए रखने के लिए काम करने वाले लोगों के रूप में हम सोचते हैं कि यह हमारी अदालतों के लिए खड़े होने का समय है। हमें यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारी अदालतें हमारे लोकतंत्र के स्तंभों के रूप में बनी रहें, एक साथ आने और गुप्त हमलों के खिलाफ बोलने की जरूरत है।
More than 500 prominent lawyers, including Harish Salve, write to CJI DY Chandradchud expressing concern over attempts to undermine the judiciary’s integrity.
---विज्ञापन---The letter reads "as people who work to uphold the law, we think it's time to stand up for our courts. We need to come… pic.twitter.com/iXIIDbgToP
— ANI (@ANI) March 28, 2024
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कुछ लोग न्यायपालिका पर बना रहे दबाव
पत्र में कहा गया है कि कुछ लोग न्यायपालिका पर दबाव बना रहे हैं। पत्र में खास समूह को लेकर चिंता जताई गई है। कहा गया है कि सियासी हस्तियों और भ्रष्टाचार केस में दबाव का सामना करना पड़ रहा है। पत्र में कहा गया है कि राजनीतिक मुकदमों को प्रभावित करने और न्यायपालिका को गिराने की कोशिश की जा रही है।
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‘फैसला मनमाफिक नहीं रहता तो करते हैं आलोचना’
वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ पत्र में कहा कि नेता किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं और फिर उसी का कोर्ट में बचाव करते हैं। जब फैसला उनके मनमाफिक नहीं होता तो कोर्ट के भीतर या मीडिया के जरिए अदालत की आलोचना करा है। यह अजीब है। यह ग्रुप पॉलिटिकल एजेंडे के तहत कोर्ट के फैसलों की सराहना या फिर उसकी आलोचना करता है।
ग्रुप ने गढ़ी बेंच फिक्सिंग की थ्योरी
वकीलों ने कहा कि यह ग्रुप ‘माई वे या हाईवे’ वाली थ्योरी में विश्वास करता है। बेंच फिक्सिंग की थ्योरी भी इसी ग्रुप की गढ़ी हुई है। जिन वकीलों ने सीजेआई को चिट्टी लिखी है, उनमें हरीश साल्वे के अलावा, मनन कुमार मिश्रा, आदिश अग्रवाल, पिंकी आनंद, चेतन मित्तल, उज्ज्वला पवार, स्वरूपमा चतुर्वेदी और हितेश जैन शामिल हैं।
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