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Godhra Train Burning Case: सुप्रीम कोर्ट ने दी 8 दोषियों को जमानत, साबरमती एक्सप्रेस में जिंदा जले थे 58 कारसेवक

Godhra Train Burning Case: 21 साल पहले गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने वाले 8 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि चार अन्य दोषियों की जमानत अर्जी उनकी भूमिका को देखते हुए खारिज कर दी गई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Apr 21, 2023 16:07
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Godhara train coach-burning case 2002

Godhra Train Burning Case: 21 साल पहले गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने वाले 8 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। हालांकि चार अन्य दोषियों की जमानत अर्जी उनकी भूमिका को देखते हुए खारिज कर दी गई थी।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला दिया है। पीठ का कहना है कि आठ दोषियों को इस आधार पर जमानत दी गई कि उन्होंने 17 साल से अधिक समय जेल में बिताया है। इन आठ दोषियों को उम्र कैद की सजा मिली थी।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC गई थी सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को इन आरोपियों की अर्जी खारिज कर दी थी। सभी आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से फांसी की सजा मिली थी, हालांकि गुजरात हाईकोर्ट ने बाद में सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

गुजरात सरकार ने सोमवार को दोहराया कि गोधरा ट्रेन कोच जलाने के मामले के दोषी गंभीर अपराधों में शामिल थे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि आरोपी ने ट्रेन के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। हालांकि, दोषियों के वकीलों ने कहा कि उन्होंने 17 साल जेल में काटे हैं।

ट्रेन अग्निकांड में 58 लोगों की गई थी जान

बता दें कि 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में आग लगा दी गई थी। इस अग्निकांड में 58 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क गए थे।

2011 में एक स्थानीय अदालत ने 31 अभियुक्तों को दोषी ठहराया और 63 लोगों को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने 11 अभियुक्तों को मृत्युदंड और 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

बाद में गुजरात उच्च न्यायालय ने 31 अभियुक्तों को दोषी ठहराने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, लेकिन 11 की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। दोषियों ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

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First published on: Apr 21, 2023 04:05 PM

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