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संभल में मंदिर-मस्जिद विवाद का सच क्या? 1879 की ASI रिपोर्ट ने खोला राज! क्या कहते हैं इतिहासकार?

Sambhal Jama Masjid vs Harihar Temple History Facts: संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सवाल यह है कि क्या वाकई यहां पर मंदिर था? आइए जानते हैं ASI की रिपोर्ट और इतिहासकारों का इस पर क्या कहना है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Nov 26, 2024 10:35
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Sambhal shahi jama masjid and kalki dham mandir

Sambhal Kalki Temple 1879 ASI Report: उत्तर प्रदेश का संभल पिछले कई दिनों से चर्चा में है। शाही जामा मस्जिद के सर्वे पर हुए बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों का दावा है कि शाही जामा मस्जिद के स्थान पर कभी भगवान विष्णु का हरिहर मंदिर हुआ करता था। हिंदू धर्म के अनुसार कलयुग के आखिर चरण में इसी जगह पर भगवान विष्णु के 10वें अवतार यानी भगवान कल्कि का जन्म होगा।

सवालों के मिलेंगे जवाब?

हिंदू पक्ष का कहना है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद बनवाई गई थी। मगर क्या आप जानते हैं कि भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की रिपोर्ट ने क्या खुलासा किया है? कई इतिहासकारों ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ी है। तो आइए इतिहास के पन्नों को पलटते हुए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर पूरा सच क्या है?

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हिंदू पक्ष के वकील का दावा

मशहूर वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि मुगल शासक बाबर ने 1526 में श्री हरिहर मंदिर को तोड़ा था। शाही जामा मस्जिद कमेटी ने जबरन इस जगह पर अधिकार किया है। इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मस्जिद में सर्वे के आदेश दिए और 29 नवंबर तक रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कहा गया।

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हिंदू धर्म में संभल का महत्व

हिंदू धर्म की प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कलयुग के आखिरी चरण में भगवान कल्कि अवतार लेंगे, जिसके बाद कलयुग का अंत होगा और एक बार फिर सतयुग से सृष्टि की शुरुआत होगी। धार्मिक मान्यताओं में भगवान कल्कि का जन्मस्थान उत्तर प्रदेश का संभल जिला है। कई लोगों का कहना है कि 1526 में बाबर ने जिस हरिहर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी, उसी जगह पर भगवान विष्णु दसवें अवतार के रूप में प्रकट होंगे।

क्या कहते हैं इतिहासकार?

मशहूर इतिहासकार मीनाक्षी जैन और श्री राम शर्मा का कहना है कि 1526-1530 के बीच बाबर ने जिन प्राचीन मंदिरों को तोड़ने के आदेश दिए थे उनमें अयोध्या और संभल के मंदिर भी शामिल थे। मीनाक्षी जैन ने 2023 में दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि अयोध्या के बाद बाबर ने भारत में जो दूसरी मस्जिद बनवाई थी, वो संभल में है। बाबर ने अपने जनरल को मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनाने के आदेश दिए थे। मस्जिद पर लिखे अभिलेख इस बात की गवाही देते हैं कि वहां पहले मंदिर था, जिस पर मस्जिद का निर्माण करवाया गया।

बाबरनामा में भी संभल का जिक्र

अदालत में हिंदू पक्ष की तरफ से लड़ने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने भी बाबर की आत्मकथा का हवाला देते हुए कहा कि बाबरनामा में लिखा है 933 हिजरी में बाबर ने संभल के एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में तब्दील किया था। बाबर का यह आदेश आज भी मस्जिद में मौजूद है। हालांकि कई लोगों का दावा है जामा मस्जिद में मौजूद बाबर का अभिलेख झूठा है।

क्या कहती है ASI रिपोर्ट?

1879 की ASI रिपोर्ट की मानें तो जामा मस्जिद के स्लैब पर बाबर का शिलालेख है। स्थानीय हिंदुओं का दावा है कि इसी स्लैब के पीछे वाले हिस्से पर मंदिर का वास्तविक शिलालेख भी मौजूद है। हालांकि इन दावों में कितनी सच्चाई है? इसका खुलासा शायद 29 नवंबर को पेश होने वाली सर्वे रिपोर्ट में साफ हो जाएगा।

कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल फरवरी में शाही जामा मस्जिद से 20 किलोमीटर की दूरी पर कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी थी। इस मंदिर के निर्माण का दारोमदार कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट पर है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं।

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HISTORY

Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Nov 26, 2024 10:35 AM

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