Election Commission On Congress Letter : महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को चिट्ठी लिखी। पार्टी ने मतदाता सूची और मतदान के दिन की वीडियो फुटेज देने की मांग की है। इसे लेकर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया सामने आई है। चुनाव आयोग सूत्र के अनुसार, चुनाव आयोग मतदाता सूची की मशीन-रीडेबल (पठनीय), डिजिटल कॉपी देने की राहुल गांधी की मांग को स्वीकार नहीं करेगा।
चुनाव आयोग सूत्र के मुताबिक, वर्तमान कानूनी ढांचे के दायरे में यह मांग स्वीकार्य नहीं है। EC ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को अदालत के फैसले का सम्मान करना चाहिए। इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से सही है कि राहुल गांधी पिछले 7 महीनों से मशीन-रीडेबल (पठनीय), डिजिटल कॉपी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा की गई ऐसी मांग नई नहीं है। बल्कि, यह उस राजनीतिक दल की एक रणनीति का हिस्सा है, जो पिछले 8 सालों से अधिक समय से अपनाई जा रही है- एक तथ्य जिसे वर्तमान प्रस्तुतीकरण में जानबूझकर छुपा लिया गया प्रतीत होता है।
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कानूनी ढांचे के दायरे में यह मांग स्वीकार्य नहीं : EC
EC ने आगे कहा कि इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि राहुल गांधी द्वारा दोहराई गई यह मांग और कांग्रेस द्वारा ऐतिहासिक रूप से बनाए गए रुख के अनुरूप है, लेकिन वर्तमान कानूनी ढांचे के दायरे में यह मांग स्वीकार्य नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि इसी मुद्दे को कांग्रेस पार्टी ने पहले ही देश की सर्वोच्च संवैधानिक अदालत अर्थात् सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष उठाया था। यह याचिका एमपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा दायर की गई थी।
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इसलिए, ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल गांधी को यह पूरी जानकारी नहीं दी गई है कि यह मामला न्यायिक रिकॉर्ड में पहले ही अंतिम रूप से तय हो चुका है। अतः नेता प्रतिपक्ष को ठीक से अवगत कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी भेजी गई है।