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लोकसभा में गिरा अविश्वास प्रस्ताव: पीएम मोदी ने I.N.D.I.A को बताया घमंडिया गठबंधन, विपक्ष का वॉकआउट

PM Narendra Modi loksabha speech: लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। ध्वनि मत से इस पर वोटिंग हुई थी। इससे पहले पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव को खुद के लिए शुभ बताया। उन्होंने शेर-ओ-शायरी से विपक्ष पर हमले किए और INDIA गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहा। पीएम ने कांग्रेस पर वंशवादी और […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 11, 2023 12:40
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Prime Minister Narendra Modi
Prime Minister Narendra Modi

PM Narendra Modi loksabha speech: लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। ध्वनि मत से इस पर वोटिंग हुई थी। इससे पहले पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव को खुद के लिए शुभ बताया। उन्होंने शेर-ओ-शायरी से विपक्ष पर हमले किए और INDIA गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहा। पीएम ने कांग्रेस पर वंशवादी और परिवारवादी होने का आरोप लगाया। उन्होंने अधीर रंजन चौधरी पर भी तंज कसा। करीब एक घंटे के बाद विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया।

पीएम मोदी ने कहा कि भगवान ने विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव सुझाया और वे प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी ईश्वर का ही आदेश था, जब विपक्ष के हमारे साथी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। उस समय भी मैंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है? बल्कि उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है। तब जितना उनका वोट था, उतना भी नहीं ला सके थे। जब 2019 के चुनाव में हम जनता के बीच गए तो भाजपा और एनडीए दोनों को सीट ज्यादा मिली। इस तरह से अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है।

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विपक्ष ने जनता के साथ किया विश्वासघात

पीएम मोदी ने कहा कि तमाम बिल सदन में पास हुए हैं। डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल, देश की युवा शक्ति को नई दिशा और दशा देने वाला बिल था। उससे भी आपका ऐतराज? आने वाला समय टेक्नोलॉजी ड्रिवेन है। डेटा को सेकंड गोल्ड के रूप में माना जाता है, उस पर गंभीर चर्चा जरूरी थी। लेकिन राजनीति आपके लिए प्राथमिकता है। कई बिल गांव-गरीब के कल्याण के लिए थे, लेकिन इन्हें कोई रुचि नहीं है। जिस जनता ने उन्हें यहां भेजा है, उस जनता का विश्वासघात किया गया है।

सत्ता की भूख दिमाग पर सवार

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के कुछ दलों ने अपने अचारण और व्यवहार से सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है। आपको गरीब के भूख की चिंता नहीं है। सत्ता की भूख आपके दिमाग पर सवार है। आपको देश के युवाओं के भविष्य की परवाह नहीं है। आपको अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है। आप जुटे, एक दिन सदन चलने भी दिया, किस काम के लिए? आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। आप अपने कट्टर भ्रष्ट साथी उनकी शर्त पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की?

आप तैयारी करके क्यों नहीं आते?

पीएम मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी दुखी हैं। फील्डिंग विपक्ष ने सजाई, लेकिन चौके छक्के बीजेपी से लगे। विपक्ष नो मोशन बिल पर नो बॉल-नो बॉल कहता रहा है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते? मैंने आपको 5 साल तैयारी करने के लिए दिया था। मैंने कहा था कि 23 में मिलेंगे।

 

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जिनके बही-खाते बिगड़े, वो हमसे हिसाब मांगते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि आप मत भूलिए कि देश आपको देख रहा है। आपके एक-एक शब्द को सुन रहा है। हर बार देश को आपने सिर्फ निराशा दी है। विपक्ष के रवैये पर क्या कहूं? जिनके खुद के बही खाते बिगड़े हुए हैं, वो भी हमसे हमारा हिसाब लिए फिरते हैं।

अधीर बाबू गुड़ का गोबर करते हैं

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ चीजें ऐसी विचित्र देखने में आई, जो कभी न देखने को मिली न कल्पना में आई। देश के बड़े दल के नेता विपक्ष का नाम बोलने की सूची में नाम नहीं था। 1999 में वाजपेई सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया, शरद पवार साहब नेतृत्व कर रहे थे। 2018 में खड़गे जी विपक्ष में थे, उन्होंने नेतृत्व किया। लेकिन इस बार अधीर बाबू को क्या हो गया? उनको बोलने तक नहीं दिया गया। गुड़ का गोबर करने में अधीर रंजन माहिर हैं। मैं नहीं जानता हूं कि आपकी मजबूरी क्या है। क्यों अधीर बाबू को दरकिनार कर दिया गया? पता नहीं कलकत्ता से कोई फोन आया हो। कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है। चुनाव के नाम पर उन्हें फ्लोर लीडर से हटा देते हैं। हम अधीर बाबू के प्रति हम पूरी संवेदना प्रकट करते हैं।

ये कालखंड एक हजार साल की नींव रखेगा

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश के जीवन में, इतिहास में, एक समय जरूर आता है जब वह पुरानी बंदिशों को तोड़कर एक नए उमंग, संकल्प के साथ आगे बढ़ने के लिए कदम उठा लेता है। 21वीं सदी का ये कालखंड बड़ा महत्वपूर्ण है। ये कालखंड तो जो गढ़ेगा, उसका प्रभाव एक हजार साल तक रहेगा। देश के 140 करोड़ देशवासियों का पुरुषार्थ आने वाले एक हजार साल की मजबूत नींव रखने वाला है। इसलिए हम सबका दायित्व है। ऐसे में हमारा एक ही फोकस होना चाहिए देश का विकास। देश के लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प, यही समय की मांग है।

इनकी यही कोशिश, देश की साख को कुछ दाग लग जाए

पीएम मोदी ने कहा कि हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। हमने युवाओं को खुले आसमान में उड़ने के लिए हौसला दिया है। अवसर दिया है। हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है। उसे एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। अभी भी कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं कि हमारी साख को कुछ दाग लग जाए, लेकिन दुनिया जान चुकी है कि भारत की साख क्या है? उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के विश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है। आज भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहा है। भारत का एक्सपोर्ट नई बुलंदी को छू रहा है।

 

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भारत की अच्छाई इन्हें अच्छी नहीं लगती

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की कोई अच्छी बात इनको अच्छी नहीं लगती है। साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। आईएमएफ अपने वर्किंग पेपर में लिखता है कि भारत ने अपने अति गरीबी को करीब-करीब खत्म कर दिया है। सोशल वेलफेयर स्कीम के लिए आईएमएफ ने कहा कि ये लॉजिस्टिकल मार्बल है। जल जीवन मिशन की सराहना डब्ल्यूएचओ ने की है। कहा है कि चार लाख लोगों की जान बच रही है। ये गरीब लोग हैं। स्वच्छ भारत मिशन की एनालिसिस कर डब्ल्यूएचओ कहता है कि तीन लाख लोगों को बचाया गया है।

आप काले कपड़ा पहनकर आते हैं, ये मेरे शुभ

पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी सोच रखने वाले लोग कहते हैं कि नजर न लगे इसलिए काला टीका लगा दो। देश का मंगल हो रहा है इसलिए आप जो काले कपड़े पहनकर आए हैं, उसका धन्यवाद देता हूं। डिक्शनरी खोलकर आप अपशब्द ढूंढकर लाए हैं। वैसे भी मुझे ये कोसते रहते हैं। इनका एक नारा है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी। ये इनका पसंदीदा नारा है। लेकिन मेरे लिए इनकी गालियां, अपशब्द, अलोकतांत्रिक भाषा का भी टॉनिक बना देता हूं।

मोदी ने बताए विपक्ष के तीन सीक्रेट

पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं सदन में कुछ सीक्रेट बताना चाहता हूं। मुझे पक्का विश्वास हो गया है कि विपक्ष के लोगों को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। मेरे पास तीन उदाहरण हैं, जिससे सिद्ध कर सकता हूं। इन्होंने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर डूब जाएगा। बड़े-बड़े विद्वानों को भी ले आए थे। हमारे बैंकों की सेहत को लेकर भांति-भांति बातें कहीं। लेकिन नेट प्रॉफिट दोगुना से ज्यादा हो गया। फोन बैंकिंग घोटाले की बात की। देश को एनपीए का अंबार मिला था। सुबह निर्मला जी ने बताया कि कितना प्रॉफिट हुआ है।

ये HAL को लेकर क्या कुछ नहीं कहा गया। HAL तबाह हो गया है, ये कहा गया। गेट पर वीडियो शूट किया गया था कि बच्चे भूखे मरेंगे। आज HAL सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। HAL ने अपना रिकॉर्ड रेवन्यू हासिल किया है। वहां के कर्मचारियों को उकसाने की भरपूर कोशिश की गई। आज HAL देश की आन-बान-शान बनकर उभरा है। जिसका बुरा चाहते हैं, वो आगे कैसे बढ़ता है, इसका तीसरा उदाहरण देता हूं।

एलआईसी पर कहा गया कि यह डूब रहा है। लोगों का क्या होगा? आज एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है। शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों को मेरी सलाह है कि जिसे ये गाली दें, उस पर दांव लगा दें। ये जैसे लोकतंत्र को कोसते हैं मुझे पक्का विश्वास है कि देश भी मजबूत होगा, लोकतंत्र भी मजबूत होने वाला है। हम तो मजबूत होने वाले हैं। इन लोगों के देश के परिश्रम पर विश्वास नहीं है।

विपक्ष के मित्रों की फितरत में अविश्वास

विपक्ष के मित्रों की फितरत में अविश्वास भरा है। हमने लालकिले से स्वच्छ भारत मिशन की बात की तो इन्होंने सवाल उठाया कि ये कैसे होगा? शौचालय की बात की तो इन्होंने निराशा वाली बात की। जन-धन की बात की, योग को बढ़ावा देने की बात की, उसका भी माखौल उड़ाया गया। हमने डिजिटल इंडिया की बात की तो बड़े-बड़े विद्वानों ने कहा कि हिंदुस्तान के लोग अनपढ़ हैं। आज डिजिटल इंडिया में देश आगे है। हमने मेक इन इंडिया की बात की तो इन्होंने उसका भी मजाक उड़ाया।

भारत के दुश्मनों पर विश्वास करती है कांग्रेस

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके दोस्तों का इतिहास रहा है कि उन्हें भारत और भारत के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं हुआ है। ये विश्वास किस पर करते थे? मैं सदन को याद दिलाना चाहता हूं। पाकिस्तान सीमा पर हमले करता था। हमारे यहां आए दिन आतंकी भेजे जाते थे। इसके बाद पाकिस्तान मुकर जाता था। इनका पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि वह तुरंत पाकिस्तान की बातों पर विश्वास कर लेते थे। ये इनकी सोच रही है।

कश्मीर आतंकवाद की आग में सुलग रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार हुर्रियतों पर विश्वास करते थे। वे उन पर विश्वास करते थे जो पाकिस्तान का झंडा लेकर चलते थे। भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक किया, एयर स्ट्राइक किया। इन्हें दुश्मन के दावों पर भरोसा था। सेना पर भरोसा नहीं था। दुनिया में कोई भी भारत के लिए अपशब्द बोलता है तो उसे तुरंत पकड़ लेते हैं। जैसे कोई विदेशी एजेंसी कहती है कि भुखमरी में भारत से बेहतर हैं कई देश। ये तुरंत लपक लेते हैं और उसका प्रचार करने में जुट जाते हैं।

कांग्रेस को कई राज्यों ने कहा- नो कॉन्फिडेंस

कोरोना महामारी आई, इन्हें भारत की वैक्सीन पर भरोसा नहीं था। देश के नागरिकों ने भारत के वैक्सीन पर भरोसा जताया। इन्हें भारत के लोगों को विश्वास नहीं है। लेकिन बता दूं कि भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का बहुत गहरा भाव है। कांग्रेस अपने घमंड से इतनी चूर हो गई है कि उसे जमीन नहीं दिखाई देती है। देश के कई हिस्सों में कांग्रेस को जीत दर्ज करने में कई दशक लग गए। तमिलनाडु में आखिरी बार सरकार 1962 में जीत हुई थी। 61 साल से लोग तमिलनाडु के लोग कह रहे हैं कांग्रेस नो मोशन कॉन्फिडेंस। पश्चिम बंगाल में 1972 में आखिरी जीत मिली थी।

यूपी, बिहार और गुजरात में आखिरी बार 1985 में जीती थी। वहां के लोगों ने कांग्रेस को कहा है कि नो मोशन कॉन्फिडेंस। त्रिपुरा के लोग 33 साल से कह रहे हैं कि कांग्रेस नो मोशन कॉन्फिडेंस। उड़ीसा में भी 28 साल से एक ही जवाब दे रहा है कि नो मोशन कॉन्फिडेंस। नागालैंड में कांग्रेस की आखिरी जीत 1988 में हुई थी। यहां भी 25 साल से लोग कह रहे हैं कि नो मोशन कॉन्फिडेंस। जनता ने कांग्रेस के प्रति बार-बार नो कॉन्फिडेंस घोषित किया है।

यूपीए का हुआ क्रियाकर्म

पीएम ने कहा कि मैं आज इस मौके पर विपक्ष के साथियों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ दिन पहले बेंगलुरु में आपने मिलजुलकर डेढ़-दो दशक पुराने यूपीए का क्रियाकर्म किया है। उसका अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रिक व्यवहार के मुताबिक मुझे सहानुभूति जरूर व्यक्त करनी चाहिए थी, लेकिन देरी में मेरा कसूर नहीं है। क्योंकि आप खुद ही एक ओर यूपीए का क्रियाकर्म कर रहे थे तो दूसरी तरफ जश्न मना रहे थे। आप खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का जश्न मना रहे थे। दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हिकल दिखाने के लिए। मजमा खत्म होने से पहले ही उसका क्रेडिट लेन के लिए सिर फुटौव्वल शुरू हो गई है।

मैं हैरान था कि ये गठबंधन लेकर जनता के बीच जाएंगे। विपक्ष के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जिसके पीछे चल रहे हो, उसे लाल और हरी मिर्च में फर्क नहीं पता है। लेकिन कई साथियों से कहता हूं कि आप तो भारत का मिजाज जानने वाले हो। देश को धोखा देने वालों का चेहरा सामने आ ही जाता है। जिन्हें सिर्फ नाम की सहारा है उनके लिए कहता हूं कि दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भाग्य चंद्र की आजतक सोई है तकदीर।

NDA से चुराकर बनाया नाम INDIA

पीएम मोदी ने कहा कि खुद को जिंदा रखने के लिए एनडीए का सहारा लेना पड़ा है। इन्होंने NDA में दो आई जोड़ दिए। एक आई का मतलब 26 दलों का घमंड। दूसरे I एक परिवार का घमंड, NDA भी चुरा लिया। कांग्रेस के अटूट साथी तमिलनाडु सरकार में एक मंत्री दो दिन पहले ही ये कहा कि INDIA उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। उनके लिए तमिलनाडु इंडिया में है ही नहीं। तमिलनाडु वो प्रदेश है जहां हमेशा देशभक्ति की धाराएं निकली हैं। जिस राज्य ने हमें कामराज, राजाजी दिए, उस प्रदेश से अब ये स्वर सुनाई दे रहे हैं।

कांग्रेस में दिखता है सिर्फ घमंड

पीएम मोदी ने कहा कि नाम को लेकर उनका एक चश्मा आज का नहीं है। दशकों पुराना चश्मा है। इन्हें लगता है कि नाम बदलकर ये देश पर राज कर लेंगे। गरीब को उनका नाम नजर आता है, लेकिन काम नहीं नजर आता है। सड़कें, पार्क, खेल पुरस्कार, म्यूजियम पर उनका नाम। योजनाएं अपने नाम पर चलाई, फिर उनमें हजारों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया। गरीब काम होते देखना चाहता था, लेकिन मिला क्या सिर्फ नाम। कांग्रेस से जुड़ी कोई चीज उनकी अपनी नहीं है। चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक सबकुछ कांग्रेस अपना होने का दावा करती है। लेकिन वह किसी और से लिया है। अपनी कमियों को ढंकने के लिए चुनाव चिन्ह और विचारों को चुरा लिया। फिर जो बदलाव हुए हैं उसमें सिर्फ पार्टी का घमंड दिखता है।

ये भी दिखता है कि 2014 से वे किस तरह नकारे जा रहे हैं। ए ह्यूम एक विदेशी थे, जिन्होंने कांग्रेस बनाई। 1920 के स्वतंत्रता संग्राम से देश को नई दिशा मिली। उस ध्वज को देश ने अपनाया। लेकिन उस प्रतीक को भी छीन लिया। वोटरों को लुभाने के लिए गांधी नाम भी चुरा लिया। कांग्रेस के चुनाव चिन्ह देखिए दो बैल गाय बछड़ा, फिर हाथ का पंजा। ये सारे उनके कारनामे उनकी हर मनोवृत्ति को प्रतिबिंबित करते हैं।

दरबारी नहीं बने तो कुछ नहीं मिलेगा

पीएम मोदी ने कहा कि आज हाथों में हाथ हैं, लेकिन हालात बदले तो फिर छूरियां निकलेंगी। देश के स्वाधीनता सेनानियों ने हमेशा परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था। महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉक्टर अंबेडकर, लोकनायक जयप्रकाश, डॉक्टर लोहिया आप जितने भी नाम देखेंगे उन्होंने खुलकर परिवार वाद का विरोध किया है। परिवारवाद के चलते सामान्य नागरिक के हकों, अधिकारों से वंचित है। देश को परिवार, नाम और पैसे पर आधारित व्यवस्था से हटना होगा। लेकिन कांग्रेस को हमेशा ये बात पसंद नहीं आई।

कांग्रेस परिवारवाद और दरबारवाद पसंद है। जब इस महफिल में दरबारी नहीं बनोगे, आपका कोई भविष्य नहीं है। इस दरबार सिस्टम ने कई विकेट लिए हैं। कईयों का हक मारा है। डॉक्टर अंबेडकर दो को बार हरवाया। उनके कपड़ों का मजाक उड़ाते थे। बाबू जगजीवन राम को भी नहीं छोड़ा है। मोरारजी देसाई, चंद्रशेखरजी, चरण सिंह जी, इन्होंने परिवारवाद के कारण तबाह कर दिया। जो दरबारी नहीं थे उनके प्रोट्रेट संसद में लगाने से झिझक होती थी। लोहिया जी की पोट्रेट 1991 में लगी, जब गैर कांग्रेसी सरकार आई। सरदार पटेल के योगदान को भी कांग्रेस ने हमेशा नकारा। विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का हमें गौरव मिला। प्रधानमंत्री म्यूजियम बनाया। ये म्यूजियम दल और पार्टी से ऊपर समर्पित है।

हवाई जहाज में काटे जाते थे केक

पीएम मोदी ने कहा कि बहुत बार जब बुरा बोलने कोशिश होती है तो सच भी निकल जाता है। लंका हनुमान ने नहीं जलाई। उनके घमंड ने जलाई। ये बिलकुल सच है। जनता-जनार्दन भी भगवान राम जैसी है। इसलिए 400 से 40 हो गए। सच्चाई तो यह है कि देश की जनता ने दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी है। लेकिन गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा हुआ है? आपको जो हक था, वह यहां कैसे बैठ गया। यह चुभन आपको परेशान कर रही है। देश की जनता भी 2024 में सोने नहीं देगी। कभी इनके जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते थे, अब उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाती है। एक जमाना था, कभी ड्राइ क्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते थे। आज हवाई चप्पल वाला हवाई जहाज में उड़ रहा है। कभी छुट्टी, मौज मस्ती के लिए नौ सेना के युद्धपोत मंगवा लेते थे। आज उसी नौसेना के जहाज दूर देश में फंसे गरीबों को घर लाने के लिए उपयोग में आते हैं। जिन लोगों का आधुनिक राजा के रूप में दिमाग चलता हो उन्हें इस गरीब से परेशानी होती है। वो नामदार हैं, हम कामदार हैं।

डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत

पीएम ने कहा कि इनका मोदी प्रेम तो इतना जबरदस्त है कि 24 घंटे सपने में पीएम मोदी दिखता है। एक गीत की पंक्ति है कि डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत, दिल बहल जाए फकत इतना ही इशारा ही बहुत। इतने पर भी आसमां वाला गिरा दें बिजलियां कोई बतला दे कि ये डूबता फिर क्या करे। मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं। ये बार-बार फेल की लॉन्चिंग करते हैं। हर बार उसकी लॉन्चिंग फेल हो जाती है। अब उनकी जनता के प्रति नफरत भी सामने आई है। लेकिन प्रचार वाले मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं। ये हैं लूट की दुकान, झूठ का बाजार इसमें नफरत है, घोटाले हैं, तुष्टिकरण है, मन काले हैं, परिवारवाद की आग के देश हवाले है। इतिहास बेचा है। शर्म करो नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है।

वो खेतों को देखकर हैरान हैं

पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि जिन लोगों ने कभी गमले में कभी मूली नहीं उगाई, वो खेतों को देखकर हैरान होते हैं। जो कभी जमीन पर उतरे ही नहीं, जिन्होंने हमेशा गाड़ी का शीशा डाउन करके दूसरों की गरीबी देखी है। उन्हें सब हैरान करने वाला लग रहा है। जब वे भारत के इस रूप का वर्णन करते हैं तो ये भूल जाते हैं कि उनके पुरखों ने 70 साल शासन किया है। इनकी दाल गलने वाली नहीं है। इसलिए नई-नई दुकान सजा लेते हैं।

इनकी नई दुकान पर भी ताला लग जाएगा। घमंडिया गठबंधन चाहता है कि देश कमजोर हो। उसका सामर्थ न बढ़ पाए। जिन आर्थिक नीतियों को लेकर कांग्रेस और उनके साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, जिस तरह पैसा लुटाकर वोट लेना चाहते हैं वे पड़ोसी देशों को देख लें। इस प्रकार की चीजों का दुष्परिणाम हमारे देश और राज्यों पर हो रहा है। चुनाव जीतने के लिए अनाप-शनाप राग अलापे जा रहे हैं। घमंडिया गठबंधन की आर्थिक नीति का परिणाम साफ देख रहा हूं। ये लोग भारत के दिवालिया होने की गारंटी हैं। ये इकॉनमी को डुबाने की गारंटी हैं। ये पॉलिसी पैरालिसिस की गारंटी है। ये करप्शन की गारंटी है। ये तुष्टिकरण की गारंटी है। ये परिवारवाद की गारंटी है। ये कभी भारत को टॉप थ्री अर्थव्यवस्था बनाने की गारंटी ये नहीं दे सकते। मैं गारंटी दे सकता हूं कि मेरे तीसरे कार्यकाल में देश को तीसरी टॉप अर्थव्यवस्था में लाकर खड़ा कर दूंगा। ये मेरी गारंटी है।

विपक्ष के वॉक आउट पर भी कसा तंज

इसके बाद विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने के लिए तैयार होते हैं, उनमें सुनने के लिए धैर्य नहीं होता है। अपशब्द बोलो भाग जाओ। कूड़ा कचरा फेंको भाग जाओ, यही इनका खेल है। ये देश इनसे ज्यादा अपेक्षा नहीं करता है। अगर इन्होंने मणिपुर पर चर्चा की सहमति जताई होती तो जरूर होती । एक दिन पहले अमित शाह ने जब विस्तार से बात रखी तो लोगों को लगा कि ये इतना झूठ बोल सकते हैं। हमने कहा था कि आओ मणिपुर पर चर्चा करो। शाह ने चिट्ठी लिखी थी। लेकिन साहस नहीं था। दर्द पेट में था, सहला रहे थे सिर। अमित शाह ने दो घंटे से अधिक समय तक बिना राजनीति के अपनी बात रखी। उसमें देश की जनता को जागरुक करने का भी प्रयास था। लेकिन सिवाय राजनीति के कुछ करना नहीं है, इसलिए यही खेल किया।

अमित शाह और अधीर रंजन के बीच हुई गहमागहमी

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को अधीर रंजन चौधरी और अमित शाह के बीच गरमागरम बहस हुई। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि जहां अंधा राजा होता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताई। शाह ने स्पीकर से कहा कि प्रधानमंत्री के लिए ऐसा बयान देना गलत है। इस पर विपक्ष ने वॉकआउट किया, हालांकि कुछ देर बाद सभी वापस आ गए।

इस पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तंज कसते हुए कहा कि लो ये वापस आ गए। आपका स्वागत है। देश की जनता ने इन्हें बाहर का दरवाजा दिखा दिया है। ये अब सदन से भी खुद ही बाहर जा रहे हैं। इन्हें अपने अविश्वास प्रस्ताव स्वयं ही विश्वास नहीं है। विचित्र स्थिति है कि जिनके दल नहीं मिलते, वो दल मिल चुके हैं।

मोदी सरकार के खिलाफ ये दूसरा अविश्वास प्रस्ताव

मोदी सरकार के खिलाफ यह दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। पहली बार 20 जुलाई 2018 को तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। 12 घंटे चर्चा हुई थी। मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे। वहीं विपक्ष को सिर्फ 126 मत प्राप्त हुए थे। वहीं देश के इतिहास में अब तक 27 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। पहला प्रस्ताव 1963 में तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू की सरकार के खिलाफ पेश किया गया है। यह चीन युद्ध के बाद लोकसभा में पेश किया गया था।

जानिए क्या है लोकसभा का गणित?

लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं। सहयोगी पार्टी के आंकड़ों को मिला दें तो 333 हो जाता है। वाईएसआर, बीजेडी और टीडीपी ने समर्थन की बात कही है। कांग्रेस के पास 51 सांसद हैं। INDIA गठबंधन के संसदों की संख्या मिला दें तो यह आंकड़ा 143 हो जाता है। इस तरह अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार आसानी से जीत लेगी।

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Written By

Bhola Sharma

Edited By

rahul solanki

First published on: Aug 10, 2023 07:26 PM

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