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Mahakumbh केवल प्रयागराज में क्यों? कुंभ मेला देश में 4 अलग जगह, जानें मान्यता

Prayagraj Mahakumbh 2025 Types of Kumbh: प्रयागराज में जल्द ही महाकुंभ का आगाज होने वाला है। मगर क्या आप जानते हैं कि कुंभ वास्तव में कितने प्रकार के होते हैं? वहीं महाकुंभ सिर्फ और सिर्फ प्रयागराज में ही क्यों लगता है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Dec 21, 2024 13:07
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Prayagraj Mahakumbh 2025

Prayagraj Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू होने वाले महाकुंभ की चर्चा हर जोरों पर है। करोड़ों श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए संगम नगरी पूरी तरह से तैयार है। पुलिस, प्रशासन ने भी महाकुंभ को लेकर कमर कस ली है। प्रयाग महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक महापर्व बनने वाला है। मगर कुंभ के कई रहस्यों से लोग आज भी अंजान हैं।

मसलन क्या आप जानते हैं देश में कुंभ मेले 4 तरह के होते हैं? हर कुछ समय के अंतराल पर देश की चार जगहों पर अलग-अलग कुंभ मेलों का आगाज होता है। इसके बावजूद महाकुंभ हमेशा प्रयागराज में ही लगता है। आखिर इसकी क्या वजह है? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में…

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4 तरह के कुंभ मेले

कुंभ मेला वास्तव में 4 प्रकार के होते हैं। कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार लगता है। वहीं पूर्ण कुंभ का आयोजन भी 12 साल के अंतराल पर होता है। हालांकि कुंभ मेला हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में लगता है, तो वहीं पूर्ण कुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है। इसके अलावा अर्ध कुंभ हर 6 साल में 1 बार लगता है, जो प्रयागराज और हरिद्वार में बारी-बारी आयोजित किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महाकुंभ मेला 144 साल में 1 बार आयोजित किया जाता है। वहीं महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज के संगम तट पर ही लगता है।

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मेला समय जगह
कुंभ मेला 12 साल हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन
पूर्ण कुंभ 12 साल प्रयागराज
अर्ध कुंभ 6 साल हरिद्वार और प्रयागराज
महाकुंभ 144 साल प्रयागराज

महाकुंभ या पूर्ण कुंभ

संगम नगरी में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक लगने वाले कुंभ मेले को महाकुंभ कहा जा रहा है। मगर वास्तव में यह पूर्ण कुंभ है, जो 12 साल बाद लग रहा है। जब कि महाकुंभ मेला 144 साल में लगता है। तो 2025 का महाकुंभ असल में पूर्ण कुंभ मेला है। इससे पहले 2013 में प्रयाग महाकुंभ आयोजित किया गया था।

प्रयागराज में ही क्यों लगता है महाकुंभ?

पूर्ण कुंभ और महाकुंभ सिर्फ संगम नगरी प्रयागराज में ही आयोजित किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार गुरु बृहस्पति हर साल अलग-अलग राशियों में प्रवेश करते हैं और उन्हें दोबारा उसी राशि में वापस आने में 12 साल का समय लगता है। ऐसे में जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में गोचर करता है, तभी तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट पर महाकुंभ का आगाज होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दौरान संगम में डुबकी लगाने से लोगों को मोक्ष मिलता है।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Dec 21, 2024 01:07 PM

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