Asteroid Collision With Earth Alert: धरती पर आज फिर तबाही मचने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि आज फिर धरती की तरफ आफत बढ़ रही है। आज धरती से एक एस्ट्रॉयड टकरा सकता है। अगर टकराव हुआ तो धरती पर जलजला आ सकता है। समुद्री तूफान, भूकंप, इलेक्ट्रिक क्राइसिस, डिजिटल शटडाउन हो सकता है। हालांकि अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (JPL) इस एस्ट्रॉयड पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन इस एस्ट्रॉयड से धरती को किसी तरह का खतरा नहीं है। सौर तूफान आया या एस्ट्रॉयड अपनी दिशा से भटका तो यह धरती से टकराकर तबाही मचा सकता है। आइए इस एस्ट्रॉयड के बारे में विस्तार से बात करते हैं…
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500 मीटर बड़ा विशालकाय एस्ट्रॉयड
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज धरती की तरफ बढ़ रहे एस्ट्रॉयड का नाम 2020 WG है। वह 70 मंजिला गगनचुंबी इमारत जितना लंबा और 500 फीट साइज का है। यह एस्ट्रॉयड 9.43 किलोमीटर प्रति सेकेंड और 33947 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की तरफ मंडरा रहा है। नासा का नियर अर्थ ऑब्जेक्टिव (NEO) प्रोग्राम एस्ट्रॉयड को लेकर अलर्ट जारी करता है। एस्ट्रॉयड 2020 WG पृथ्वी से लगभग 3.3 मिलियन किलोमीटर (0.02223 AU) की दूरी से धरती से पास से गुजरेगा। यह दूरी चंद्रमा से दूरी का लगभग 9 गुना है। नासा पृथ्वी के 1.3 AU के अंदर आने वाली सभी वस्तुओं पर बारीकी से नजर रखता है, ताकि किसी भी संभावित खतरे का शीघ्र पता लगाया जा सके।
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अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का टॉपिक एस्ट्रॉयड
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2020 WG की सतह की विशेषताओं, घूमने के तरीके और रास्ते का अध्ययन करके शोधकर्ता इसकी संरचना और उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे इस तरह के ऑब्जेक्ट के बारे में भविष्य की भविष्यवाणियों को सटीक बनाया जा सके। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां एस्ट्रॉयड के टकराव जैसी घटनाओं से आंकड़ें एकत्रित करके उनका रिसर्च में उपयोग करती हैं , क्योंकि किसी क्षुद्रग्रह के आकार, गति और संरचना को समझना संभावित खतरों के लिए प्रभावी तकनीक विकसित करने का आधार हैं। 2020 WG पृथ्वी के पास से सुरक्षित रूप से गुजरेगा, लेकिन इसकी यात्रा पृथ्वी को भविष्य में संभावित खतरों से बचाने के लिए चल रहे एस्ट्रॉयड ट्रैकिंग सिस्टम को और सटीक बनाएगी।
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