Lok Sabha Election 2024 Finished Political Careers: लोकसभा चुनाव 2024 इस बार कई मायनों में खास रहे। 7 फेज में चुनाव मतदान हुए और करीब 80 दिन चुनावी प्रक्रिया चली। हर बार की तरह दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़े। वहीं भाजपा समेत कई राजनीतिक दलों ने अपने दिग्गज नेताओं के टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव खेला।
4 जून को मतगणना के दिन बड़ा फेरबदल हुआ। हालांकि देश में लगातार तीसरी बार BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनने जा रही है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाला INDIA अलायंस दूसरा बड़ा गठबंधन बनकर उभरा। BJP NDA को 292 सीटें मिलीं, वहीं INDIA अलायंस ने 234 सीटें जीती, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 ने कई दिग्गज नेताओं का करियर भी चौपट कर दिया है। आइए जानते हैं कि किन 10 नेताओं का राजनीतिक करियर खत्म हो हुआ है…
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मेनका गांधी
गांधी परिवार की सदस्य, स्वर्गीय संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी 67 साल की हो चुकी हैं और 35 साल से राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन 35 साल में पहली बार वे चुनाव हार गईं। 35 साल में 8 बार सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं, लेकिन अब उनका राजनीतिक करियर खत्म माना जा रहा है। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि उनका राजनीतिक भविष्य वरुण गांधी के अगले कदम पर निर्भर करेगा, क्योंकि बगावत के कारण वरुण को भाजपा ने पीलीभीत से टिकट नहीं दिया था।
बृजभूषण सिंह
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता बृजभूषण सिंह का राजनीतिक करियर भी इस बार चौपट हो गया है। पहलवानों के यौन शोषण कांड के कारण भाजपा ने कैसरगंज से उनका टिकट काटकर उनके बेटे करण सिंह को दे दिया। करण सिंह चुनाव जीत गए हैं। वहीं उनके बड़े बेटे प्रतीक भूषण गोंडा से दूसरी बार विधायक बने हैं। बृजभूषण खुद 6 बार सांसद रह चुके हैं। पत्नी केतकी भी सांसद रह चुकी हैं, लेकिन अब भाजपा के फैसले पर बृजभूषण का राजनीतिक करियर निर्भर करेगा।
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पूर्व जनरल वीके सिंह
73 साल के पूर्व जनरल वीके सिंह का राजनीतिक करियर भी खत्म हो चुकी है। वे 2 बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे, लेकिन इस बार नेगेटिव वर्क रिपोर्ट के कारण उनका चुनाव टिकट काट दिया गया। अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में उनकी विधायकों के साथ अनबन चल रही थी। वहीं टिकट का बंटवारा होने से पहले ही उन्होंने अपने X हैंडल पर पोस्ट करके लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
उपेंद्र रावत
उत्तर प्रदेश में भाजपा के दिग्गज नेता 55 वर्षीय उपेंद्र रावत का राजनीतिक करियर एक अश्लील वीडियो ने चौपट कर दिया। उपेंद्र सांसद और विधायक रह चुके हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट मिल भी गया था, लेकिन ऐन मौके पर उनका एक अश्लील वीडियो सामने आ गया, जिस कारण भाजपा ने उनका चुनाव टिकट काट दिया। क्योंकि मामला अभी विचाराधीन है, ऐसे में उनका राजनीतिक भविष्य चौपट ही माना जा रहा है।
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संतोष गंगवार
76 साल के संतोष गंगवार अपनी उम्र के कारण सक्रिय राजनीति से बाहर हो गए हैं। 76 साल उम्र होने के कारण इस बार भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट नहीं दिया। संतोष गंगवार 8 बार सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि टिकट कटने का विरोध हुआ, लेकिन उन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को कभी राजनीति में भी आने नहीं दिया। ऐसे में वे भी अब राजनीति छोड़ चुके हैं।
सत्यपाल सिंह
68 साल के सत्यपाल सिंह 10 बार सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री रहे, लेकिन इस बार उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया है,। वहीं उनकी बेटी चारू प्रज्ञा का राजनीतिक करियर शुरू हुआ है। वे भाजपा की प्रवक्ता बन गई हैं। वहीं IPS की नौकरी छोड़ राजनीति में आए सत्यपाल सिंह 2014 में बागपत से सांसद बने थे। वे मुंबई पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं और आजकल उत्तराखंड की गुरुकुल कांगड़ यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं। 2 साल बाद वहां से भी रिटायर हो जाएंगे।
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सत्यदेव पचौरी
76 साल के सत्यदेव पचौरी का राजनीतिक करियर भी अब खत्म हो चुका है। वे एक बार सांसद और 2 बार विधायक रह चुके हैं। वहीं भाजपा ने उनका लोकसभा चुनाव 2024 टिकट उनकी बेटी नीतू के कारण काटा, क्योंकि नीतू की शादी संघ के पूर्व पदाधिकारी के साथ हुई थी, जिनका निधन हो गया तो परिवार ने भाजपा ने नीतू के लिए टिकट मांगा। सत्यदेव पचौरी भी चुनाव टिकट के इच्छुक थे, ऐसे में बाप-बेटी के बीच से किसी एक को चुनने की बजाय दोनों का टिकट काट दिया गया। विवाद की स्थिति बनते देख पचौरी ने अपने X हैंडल पर पोस्ट लिखकर चुनाव लड़न से मना कर दिया।
राजेंद्र अग्रवाल
उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं में से एक राजेंद्र अग्रवाल का राजनीतिक करियर भी खत्म हो चुका है। राजेंद्र 3 बार सांसद रह चुके हैं। वे लोकसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले लोगों में से एक रहे हैं, लेकिन भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटकर मेरठ से अरुण गोविल को टिकट दे दिया। इस तरह उनका राजनीतिक भविष्य चौपट माना जा रहा है।
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अक्षयवर लाल गौड़
उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शामिल अक्षयवर लाल गौड़ का राजनीतिक भविष्य इस बार खत्म हो गया है। वे 5 बार विधायक और एक बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण भाजपा ने इस बार उनका चुनाव टिकट काट दिया। उनकी जगह चुनाव टिकट उनके बेटे आनंद गौड़ को मिला, जो चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं, लेकिन अक्षयवर सक्रिय राजनीति के बार हो गए हैं।
लल्लू सिंह
65 साल के लल्लू सिंह 6 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुके हैं। वे संघ और विहिप से भी जुड़े रहें, लेकिन संविधान में बदलाव करने वाला बयान देकर उन्होंने अपनी मुसीबतें बढ़ा लीं। उनका विरोध हुआ और उनके कारण भाजपा को कई लोकसभा सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा। अब उनका बेटा राजनीति में सक्रिय है, जिसे मजबूत करने के लिए वे काम कर सकते हैं।
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