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Ram Mandir: रामलला के लिए प्रधानमंत्री से लोहा लेने वाला अधिकारी, जो सबसे कम उम्र में बना IAS

Ram Mandir Inauguration: अगर केके नायर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आदेश मान लिया होता तो शायद आज भगवान राम का मंदिर अयोध्या में नहीं बना पाया होता। थोड़ी ही देर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Jan 22, 2024 13:22
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Ram Mandir Inauguration:
नेहरू का आदेश नहीं माना था आईएएस अधिकारी केके नायर ने

KK Nair not accept Jawaharlal Nehru order to remove idol of RamLalla from Ram Temple: थोड़ी ही देर में राम मंदिर का उद्घाटन हो जाएगा और कल से रामभक्त रामलला के दर्शन कर पाएंगे। राम मंदिर बनने की लड़ाई बहुत लंबी है और इसमें सैकड़ों नाम जुड़े हुए हैं। मंदिर आंदोलन से जुड़े कई ऐसे हीरो हैं जिन्हें आज याद किया जा रहा है। आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रामलला की मूर्ति हटाने का आदेश मानने से साफ इनकार कर दिया था। आखिर कौन था पीएम के आदेश को ठेंगा दिखाने वाला यह अधिकारी।

रामलला की मूर्ति को लेकर प्रधानमंत्री नेहरू से भिड़ने वाले इस अधिकारी का नाम था केके नायर। केके नायर 1949 में यूपी के फैजाबाद के जिलाधिकारी थे जो बाद में चलकर सांसद बने। जनसंघ के टिकट पर 1977 में वे बहराइच से सांसद चुने गए और जनता का उन्हें खूब प्यार मिला। रामलला की मूर्ति को लेकर उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू से लोहा ले लिया था जिसकी कीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी। पीएम का आदेश नहीं मानने की वजह से उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

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कोर्ट में लड़कर जीता था केस

जब मूर्ति हटाने का आदेश आया तो उन्होंने यह कहते हुए इससे साफ इनकार कर दिया कि मूर्तियां हटाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत होंगी और इस वजह से दंगे भी भड़क सकते हैं। नेहरू का आदेश नहीं मानने की वजह से उनका नाम बहुत चर्चित हो गया और देश का एक तबका उन्हें पसंद करने लगा। उन्होंने खुद को नौकरी से सस्पेंड किए जाने की कानूनी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की।

सबसे कम उम्र में बने अधिकारी

के.के. नायर का जन्म 11 सितंबर, 1907 को केरल में हुआ था। उनका पूरा नाम कंडांगलाथिल करुणाकरण नायर था। नायर का बचपन केरल के अलाप्पुझा के कुट्टनाड गांव में बीता था। शुरुआती बढ़ाई करने के बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए। वे सबसे कम उम्र (21 साल) में सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले अधिकारी हैं। नायर ने मद्रास यूनिवर्सिटी और आगरा यूनिवर्सिटी के बारासेनी कॉलेज से भी पढ़ाई की है। वे 1 जून 1949 से 14 मार्च 1950 तक फैजाबाद से डीएम रहे।

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First published on: Jan 22, 2024 12:12 PM

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