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अब एयरपोर्ट सुरक्षा होगी और मजबूत, CISF को मिला नया जिम्मा

हवाई यात्रा करने वालों के लिए अब राहत की खबर है। एयरपोर्ट की सुरक्षा अब पहले से और ज्यादा मजबूत हो गई है। सरकार ने हाल के आतंकी हमले के बाद सख्त कदम उठाए हैं और CISF को नई जिम्मेदारी देकर यात्रियों की सुरक्षा को और पक्का कर दिया है।

Author Written By: Pawan Mishra Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 11, 2025 09:15
CISF
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देश में हवाई यात्रा करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। अब एयरपोर्ट पर सुरक्षा पहले से और ज्यादा मजबूत हो गई है। सरकार ने ऐसा इंतजाम किया है जिससे यात्रियों का सफर और सामान दोनों पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है और एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को नई जिम्मेदारी दी गई है। इससे हवाई यात्रा करना और भी सुरक्षित और भरोसेमंद हो जाएगी।

नई एडवाइजरी और CISF की बढ़ी भूमिका

देश की हवाई यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। हाल ही में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की ओर से एक नई एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें एयरपोर्ट पर कार्गो संचालन और इन-लाइन होल्ड बैगेज स्क्रीनिंग सिस्टम (ILHBSS) को और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए CISF यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की भूमिका को अस्थायी रूप से बढ़ा दिया गया है। अब CISF के जवान न केवल सामान्य सुरक्षा व्यवस्था देखेंगे, बल्कि कार्गो और चेक-इन बैगेज की जांच में भी सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे।

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आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा में सख्ती

यह फैसला हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है। देशभर में सुरक्षा सतर्कता को देखते हुए हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत महसूस की गई। इसके तहत CISF ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कार्गो और बैगेज ऑपरेशन्स की निगरानी शुरू कर दी है। ILHBSS के संचालन और उसमें तैनात कर्मचारियों की निगरानी भी अब CISF के दायरे में आ गई है। इसके साथ ही CISF को इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रैंडम जांच (अचानक जांच) और लोगों के आवागमन की निगरानी का अधिकार भी मिल गया है।

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पहले की सीमित जिम्मेदारी से आगे बढ़ा दायरा

इससे पहले तक CISF की जिम्मेदारी केवल हवाई अड्डों की बाहरी सुरक्षा और यात्री जांच तक सीमित थी। कार्गो और ILHBSS की निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी हवाई अड्डा संचालन प्राधिकरण और निजी सुरक्षा एजेंसियों पर थी। लेकिन अब सरकार ने एक सेकेंडरी लेयर ऑफ सिक्योरिटी के तौर पर CISF को इन कार्यों में भी शामिल कर लिया है। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि या सामान को समय रहते पकड़ा जा सके और किसी संभावित खतरे को पहले ही रोका जा सके।

सुरक्षा को मिला नया स्तर

इस नए निर्देश के लागू होते ही देश के सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर CISF की सख्त निगरानी शुरू हो गई है। एयरपोर्ट ऑपरेटरों को आदेश दिए गए हैं कि वे CISF के साथ तालमेल बनाकर काम करें और हर स्तर पर पारदर्शिता रखें। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से हवाई यात्रा और माल ढुलाई, दोनों ही ज्यादा सुरक्षित होंगी। यह फैसला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।

First published on: May 11, 2025 09:15 AM

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