CAA Rules: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू किया जा चुका है। गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसके साथ ही CAA देशभर में लागू हो गया। हालांकि सीएए को लेकर कुछ भ्रांतियां भी हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इससे किसी की नागरिकता भी छिन जाएगी। जबकि कुछ लोगों की नागरिकता पर भी खतरा होने की बात कही गई है। हालांकि ऐसा नहीं है। आइए जानते हैं कि सीएए को लागू करने का असली मकसद क्या है…
क्या सीएए से छिन जाएगी नागरिकता?
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए अल्पसंख्यकों को पात्र माना गया है। इसमें हिंदू, जैन, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इन अल्पसंख्यकों को पड़ोसी देश की प्रताड़ना के बाद भारत में आकर रहना आसान होगा। केंद्र सरकार के अनुसार, सीएए के लागू होने से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यकों का पुनर्वास आसान होगा। उनकी नागरिकता संबंधी कानूनी बाधाएं भी दूर होंगी। पीड़ित शरणार्थी सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक पहचान की भी रक्षा होगी। उन्हें आर्थिक, व्यावसायिक और संपत्ति खरीदने जैसे अधिकार भी मिलने लगेंगे।
जो कहा सो किया…
मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर पूरी की अपनी गारंटी। pic.twitter.com/YW8mFyjJxJ
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देशभर में लागू हुआ CAA, केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
◆ 3 देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता
◆ हिन्दू-सिख-बौद्ध-पारसी-जैन-ईसाई धर्म के शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता #caa | Citizenship Amendment Act | #NRC pic.twitter.com/hHjOhQd6Cm
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फैलाई जा रही हैं भ्रांतियां
केंद्र सरकार का कहना है कि इस संबंध में कुछ भ्रांतियां भी फैलाई गई हैं। यह भारतीय नागरिकता देने का कानून है, इससे किसी की भी नागरिकता को खतरा नहीं होगा। चाहे किसी भी धर्म का ही नागरिक क्यों न हो, इससे किसी की भी नागरिकता नहीं जाएगी। यह कानून उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिन्हें लंबे समय तक पड़ोसी मुल्कों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जिनके पास दुनियाभर में भारत के अलावा कोई जगह नहीं है। भारत के संविधान में मानवतावादी दृष्टिकोण को रखा गया है।
A watershed moment in the history of India.
Heartfelt thanks for making CAA a reality! pic.twitter.com/T36zZRLeAs
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अवैध प्रवासियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
हालांकि इस कानून के तहत अवैध प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है, जो भारत के नियमों के अनुसार वैध दस्तावेज के साथ नहीं आए हैं। इन यात्रा दस्तावेजों में पासपोर्ट और वीजा शामिल है। या फिर वैध दस्तावेजों के साथ कोई प्रवासी यहां तय अवधि से ज्यादा समय तक रह रहा है तो उसके खिलाफ ये कानून काम करेगा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कई देशों में कानून है। ऐसे प्रवासियों को निर्वासित या कैद किया जा सकेगा। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 2015-16 में नोटिफिकेशन जारी किए गए थे, जिसके तहत अवैध प्रवासियों के कुछ समूहों को इसमें छूट दी गई थी। ये प्रवासी हिंदू के अलावा 5 अल्पसंख्यक थे। हालांकि इसमें मुस्लिम शामिल नहीं हैं।