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किसानों पर मेहरबान हुई बिहार सरकार, डीजल और कोल्ड स्टोरेज समेत मिलेगी कई सौगात

Bihar Government on Farmers: बिहार सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। डीजल और कोल्ड स्टोरेज के साथ-साथ खेतों में नीलगाय और जंगली सुअर की समस्या भी सुलझाने की पहल हो चुकी है।

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Aug 7, 2024 16:03
बिहार के सीएम नीतीश कुमार । फाइल फोटो
बिहार के सीएम नीतीश कुमार। फाइल फोटो

Bihar Government on Farmers: (अमित ओझा) राज्य में हुई कम वर्षा को देखते हुए बिहार सरकार के कृषि विभाग ने डीजल पर 75 रुपये प्रति लीटर अनुदान देने का ऐलान किया है। किसानों को एक एकड़ जमीन पर डीजल के लिए 750 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान की अधिकतम सीमा 8 एकड़ रखी गई है। 8 एकड़ से कम जमीन वाले किसान को ही इसका लाभ मिलेगा।

कृषि मंत्री ने दी जानकारी

कृषि मंत्री मंगल पांडे ने जानकारी देते हुए कहा कि डीजल अनुदान के लिए  26 जुलाई 2024 से खरीफ फसल के लिए यह योजना शुरू कर दी गई है। अब तक 32000 आवेदन आ चुके हैं। यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को दिया जाएगा, चाहे धान की खेती हो या कोई अन्य खरीफ फसल के लिए हो। अनुदान राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी दी जाएगी। हालांकि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल में ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

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कोल्ड स्टोरेज पर भी किया ऐलान

कोल्ड स्टोर बनाने के लिए कृषि विभाग ने व्यवसाईयों को बड़ा ऑफर दिया है। मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य में 12 ऐसे जिले हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है। इनमें मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय ,शेखपुरा, अरवल और शिवहर जिलों के नाम शामिल हैं। इन्हीं जिलों के लिए कृषि विभाग ने यह स्कीम शुरू की है। जो भी व्यवसाई इन इलाकों में कोल्ड स्टोरेज खोलते हैं उन्हें विभाग की तरफ से 50% की सहायता दी जाएगी। कोल्ड स्टोरेज के लिए सरकार 17 लाख 50 हजार तक का अनुदान देगी। कोल्ड स्टोरेज दो टाइप के होते हैं एक मेट्रिक टन और दो मेट्रिक टन। दोनों में से कोई भी स्टोरेज खोलने पर अनुदान प्रतिशत उतना ही रहेगा। कोल्ड स्टोरेज खोलने वालों को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन कराया जाएगा, जिससे बिजली की खपत कम हो सकेगी।

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नीलगाय और जंगली सुअर का इलाज

बिहार में किसानों के सबसे बड़े दुश्मन बन घोरपरास (नीलगाय ) और जंगली सूअर के लिए भी कृषि विभाग ने कमर कस ली है। मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी घोरपरास और जंगली सूअर से हो रही है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार बिहार के 34 जिलों में 295866  घोरपरास हैं, जबकि 30 जिलों में जंगली सूअर की संख्या 67255 है। नीलगाय और जंगली सुअर किसान की फसलों को तबाह कर देते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार संयुक्त बैठक करने वाली है। इस बैठक में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग और गृह विभाग के क्षेत्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीलगाय और जंगली सुअर से किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए बिहार सरकार 13 शूटर भी हायर करेगी।

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First published on: Aug 07, 2024 04:03 PM

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