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जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग के 28 मकान ढहने के कगार पर, अधिकारियों ने किया निरीक्षण

नई दिल्ली: जोशीमठ के कई मकान खंडहर बन गए हैं। जमीन धंसने से आईं दरारें अब और बढ़ती जा रही हैं। स्थानियों लोगों में भय और गुस्सा है। वहीं कर्णप्रयाग भी इस आपदा से प्रभावित हुआ है। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में लगभग 28 और घरों […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Feb 21, 2023 12:10
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Joshimath
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नई दिल्ली: जोशीमठ के कई मकान खंडहर बन गए हैं। जमीन धंसने से आईं दरारें अब और बढ़ती जा रही हैं। स्थानियों लोगों में भय और गुस्सा है। वहीं कर्णप्रयाग भी इस आपदा से प्रभावित हुआ है। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग में लगभग 28 और घरों में दरारें आ गई हैं और वे गिरने की कगार पर हैं।

बहुगुणा नगर में घरों की दीवारों में चौड़ी दरारें देख डीएम अवाक रह गए। निवासियों ने अधिकारियों से उनकी सुरक्षा की गारंटी के लिए उचित व्यवस्था करने का अनुरोध किया। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, कर्णप्रयाग एसडीएम हिमांशु कफल्टिया, विधायक अनिल नौटियाल और आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने रविवार को बहुगुणा नगर, सुभाष नगर और अपर बाजार में प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया।

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लोगों का क्या होगा?

डीएम ने अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने और दरारों की निगरानी के लिए प्रभावित संरचनाओं में क्रैकोमीटर स्थापित करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने कहा कि जो निवासी किराए के आवास में रहना पसंद करते हैं, उन्हें छह महीने के लिए किराए की राशि प्रदान की जाएगी। खुराना ने एसडीएम को ढांचों का विस्तृत सर्वे कराने का भी निर्देश दिया।

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जोशीमठ में क्या हो रहा है?

जोशीमठ में सबकुछ ठीक नहीं हैं। ये प्रचीन शहर खत्म होने के कगार पर है। सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। भवनों के ढहने से लेकर संभावित बिजली संकट तक जोशीमठ के सामने कई समस्याएं हैं। हाल ही में विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तराखंड में विकास के नाम पर अनियोजित और अनियंत्रित निर्माण ने जोशीमठ को डूबने के कगार पर ला दिया है और हिमालय को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की मांग की है। अधिकारियों के अनुसार, जोशीमठ में 849 घरों में भूमि धंसने के बाद दरारें आ गई हैं और 258 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।

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HISTORY

Written By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Feb 20, 2023 08:13 PM

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