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खुलकर लें छींक… दबाना पड़ सकता है सेहत पर भारी? जानिए डॉक्टर की चेतावनी

Sneezing Risks: क्या आप भी छींक आने पर उसको दबा लेते हैं, ताकि दूसरों को कोई परेशानी न हो या फिर शोर न हो? तो सावधान हो जाइए, यह आदत आपके लिए भारी पड़ सकती है। डॉक्टरों की मानें तो छींक को रोकना हमारी सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है। आइए जानते हैं डॉ. सरोज से इस बारे में विस्तार से।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Aug 14, 2025 11:33

Sneezing Risks: छींकना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे दबाना हमारी सेहत पर भारी पड़ सकता है? अक्सर लोग पब्लिक प्लेस पर छींक आने पर असहज महसूस करते हैं और उसे रोकने की कोशिश करते हैं। ऐसा करने से वे कभी मुंह दबाकर, तो कभी नाक को कसकर पकड़कर लेते हैं, जो कि बिल्कुल सही नहीं होता है। डॉ. सरोज कुमार का मानना है कि छींक को जबरन रोकना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आइए जानते हैं इसका मुख्य कारण क्या है और क्या है इसका समाधान।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

आकाश हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग के कंसल्टेंट डॉ. सरोज कुमार यादव बताते हैं कि छींक आना, शरीर की एक प्राकृतिक रक्षात्मक प्रतिक्रिया होती है, जिससे नाक और रेस्पिरेटरी ऑर्गन में मौजूद धूल, बैक्टीरिया या एलर्जन जैसे हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं। अगर इस प्रक्रिया को जबरन रोका जाता है तो ये हानिकारक तत्व शरीर के अंदर ही रह जाते हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

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डॉक्टर बताते हैं कि कई बार लोग ध्यान आकर्षित न करने के लिए या स्वच्छता बनाए रखने के इरादे से छींक दबाने की कोशिश करते हैं। लेकिन ऐसा करना कई बार नुकसानदेह साबित हो सकता है।

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क्या है छींक के पीछे का साइंस?

छींक सिर्फ एक सामान्य रिफ्लेक्स नहीं है बल्कि इसमें सीने, डायफ्राम, गले और चेहरे की मांसपेशियों का समन्वय होता है। छींक के दौरान हवा 100 मील प्रति घंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से बाहर निकलती है, जो नाक के भीतर के कणों को साफ कर देती है।

ऐसे में जब हम नाक को दबाकर या मुंह बंद कर छींक रोकते हैं, तो यह दबाव सिर के अंदर वापस चला जाता है, जिससे साइनस में प्रेशर, कान और ब्लड वेसल्स पर असर पड़ सकता है। कुछ मामलों में कान के पर्दे फटने, नकसीर, चेहरे पर सूजन और गले में चोट लगने जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं। गंभीर मामलों में छींक रोकने से हवा छाती में भर सकती है, जो खतरनाक हो सकता है। इस स्थिति को न्यूमोमेडियास्टिनम कहते हैं, जो फेफड़ों और दिल के बीच हवा भरने के वजह से बन जाती है।

क्या कभी छींक रोकना ठीक है?

डॉ. सरोज के अनुसार, हल्की छींक को दबाना हमेशा नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन बार-बार या जोर से रोकना हमारे शरीर के आंतरिक अंगों पर दबाव डाल सकता है। ये उनके लिए ज्यादा खतरनाक है जिन्हें साइनस, नाक बंद रहने या कान की समस्या होती है।

छींक से होने वाले संक्रमण से कैसे बचें?

इससे होने वाले संक्रमण से बचने के लिए हमें हमेशा अपने पास रुमाल रखना चाहिए या फिर कोहनी के अंदर छींकना सबसे बेहतर होता है। हाथ पर छींकने से संक्रमण का खतरा बढ़ता है। अगर आप ऐसी जगह हैं जहां चुप रहना जरूरी है, तो हल्की छींक लें लेकिन इसे पूरी तरह से रोकने से बचें।

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First published on: Aug 14, 2025 11:33 AM

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