Depression Risk: अभिनेत्री नूर मालबिका दास की अचानक मौत से बॉलीवुड इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। फिलहाल परिवार भी सदमे में है। एक्ट्रेस हाल ही अपने फ्लैट में मृत पाई गई थीं। खबर के अनुसार, नूर मालबिका की मौत 6 जून को ही हो गई थी, लेकिन 4 दिन बाद इसका पता चला था। अब दिवंगत अभिनेत्री की फैमिली ने दावा किया है कि उनकी बेटी डिप्रेशन से जूझ रही थीं। वह बॉलीवुड में अच्छा करियर न मिलने की वजह से बहुत तनाव में रहती थीं।
Noor Malabika Das मूल रूप से बांग्लादेश सीमा के पास असम के टाउन करीमगंज की रहने वाली थीं। परिवार के मुताबिक, नूर मालबिका डिप्रेशन की कंडीशन में थी और इसी कारण उन्होंने अपनी जीवन लीला खत्म करने जैसा कदम उठाया।
क्या डिप्रेशन इतना खतरनाक होता है कि कोई अपनी जान तक गंवा देता है। अगर कोई इस समस्या से पीड़ित है, तो कैसे उसकी पहचान की जाए, इसके अलावा डिप्रेशन के शुरुआती संकेत कैसे दिखते हैं, जानिए..
डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन मेंटल हेल्थ के सबसे आम प्रकारों में से एक है और अक्सर चिंता के साथ पैदा होता है। डिप्रेशन हल्का और गंभीर या फिर लंबे समय तक चलने वाला हो सकता है। कुछ लोग डिप्रेशन से केवल एक बार प्रभावित होते हैं, जबकि अन्य इसे कई बार महसूस कर सकते हैं। डिप्रेशन आत्महत्या की ओर ले जा सकता है, लेकिन समय पर मदद मिले तो इसे रोका जा सकता है। यह जानना जरूरी है कि आत्महत्या के बारे में सोच रहे युवाओं की मदद के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है।
डिप्रेशन क्यों होता है?
बायोलॉजिकल फैक्टर (Biological Factors)
दिमाग में केमिकल इंबैलेंस- सेरोटोनिन, नॉरएड्रेनालाईन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का इंबैलेंस डिप्रेशन का कारण हो सकता है।
जेनेटिक फैक्टर- अगर परिवार में किसी को डिप्रेशन रहा है, तो इसका जोखिम बढ़ सकता है।
साइकोलॉजिकल फैक्टर (Psychological Factors)
नेगेटिव सोच- लगातार नेगेटिव सोच, आत्मसम्मान की कमी, और ज्यादा आलोचना डिप्रेशन को बढ़ा सकती है।
अतीत के ट्रामा- बचपन में शारीरिक, यौन या इमोशनल एब्यूज जैसी घटनाएं डिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
पर्यावरणीय फैक्टर (Environmental Factors)
तनाव– नौकरी छूटना, तलाक, किसी अपने की मृत्यु या आर्थिक समस्याएं जैसी घटनाएं डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
सपोर्ट की कमी- सोशल सपोर्ट की कमी, जैसे दोस्तों और परिवार से दूरी या अकेलापन भी डिप्रेशन को जन्म दे सकता है।
जीवनशैली और आदतें (Lifestyle and Habits)
नींद की कमी- भरपूर नींद न पूरी होना या खराब नींद की गुणवत्ता डिप्रेशन को प्रभावित कर सकती है।
एक्सरसाइज की कमी- शारीरिक गतिविधि की कमी भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
इंप्रोपर डाइट- अनहेल्दी डाइट भी मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।
दवाइयां और हेल्थ कंडीशन (Medications and Health Conditions)
दवाइयों का साइड इफेक्ट- कुछ दवाइयों को खाने से डिप्रेशन के लक्षण पैदा हो सकते हैं।
हेल्थ कंडीशन- कुछ बीमारियां, जैसे थायराइड डिसऑर्डर, दिल की बीमारी या कैंसर भी डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
डिप्रेशन के अन्य लक्षण
- सारी एक्टिविटी में कोई रुचि न लेना
- हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना
- बेचैनी या आलस महसूस करना
- अचानक से वजन बढ़ना या कम होना
डिप्रेशन से बचने के उपाय
रेगुलर एक्सरसाइज करना
रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें। यह एंडॉर्फिन नामक केमिकल को बढ़ाता है जो मूड में सुधार करता है।
हेल्दी डाइट
संतुलित और पौष्टिक भोजन खाएं। फल, सब्जियां, प्रोटीन और अनाज को अपने डाइट में शामिल करें। कैफीन और शक्कर कम खाएं।
नींद पर ध्यान दें
भरपूर नींद लें। रेगुलर समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
सोशल इंटरेक्शन
परिवार और दोस्तों से जुड़े रहें। उनके साथ समय बिताएं और अपनी भावनाओं को शेयर करें। ताकि मन में कोई ऐसी बात न रहें कि बाद में आपको अफसोस हो।
ध्यान और योग
ध्यान और योग मेंटल पीस और बैलेंस करने में मदद करते हैं। इसे रेगुलर रूप से करें।
किसी प्रोफेशनल से सलाह लेना
अगर डिप्रेशन गंभीर हो, तो काउंसलर से सलाह लें। डिप्रेशन की समस्या में थेरेपी और काउंसलिंग बहुत मददगार हो सकती हैं।
पॉजिटिव सोच
पॉजिटिव सोच रखें और नेगेटिव विचारों से बचने की कोशिश करें। किसी भी कंडीशन में अपने आपको नेगेटिव न होने दें।
डिजिटल डिटॉक्स
सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से रेगुलर इंटरवल पर ब्रेक लें। रियल लाइफ में फोकस करें। इन टिप्स को रेगुलर रूप से अपनाकर आप डिप्रेशन से बचने में मदद पा सकते हैं।
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