New Blood Test: किंग्स कॉलेज लंदन में एक रिसर्च हुई है जिसमें बच्चों के मेटाबॉलिज्म पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव के बारे में अध्ययन किया गया है। इस रिसर्च में बच्चों के शरीर के अंगों जैसे कि लिवर और लंग्स की जांच के साथ इस बारे में जानने की कोशिश की गई है कि मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का इनमें कितना असर होता है। रिसर्च के दौरान साइंटिस्टों ने एक नए ब्लड टेस्ट के बारे में पता लगाया है जो इस बात की पुष्टि करेगा कि बच्चे को डायबिटीज है या नहीं। आइए जानते हैं रिसर्च के बारे में।
बच्चों में बढ़ रहे Diabetes के मामले
बच्चों में डायबिटीज के लक्षण अक्सर छुपे हुए होते हैं लेकिन एक नया ब्लड टेस्ट अब डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद करेगा कि बच्चे को टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज है या नहीं। इस ब्लड टेस्ट को हाल ही में पाया गया है और यह डायबिटीज की पहचान करने का एक नया तरीका है, जो बच्चों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। इस टेस्ट को लिपिड की मदद से किया जाएगा।
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क्या मिला रिसर्च में?
हेल्थ वर्ल्ड डॉटकॉम में पब्लिश खबर के अनुसार, लिपिड शरीर में फैटी एसिड्स या फिर कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून की गुणवत्ता को देखा जाएगा क्योंकि ओबेसिटी, किडनी फेलियर, डायबिटीज से लेकर हार्ट हेल्थ, इन सभी का कारण लाइफस्टाइल ही है। अगर लाइफस्टाइल सही नहीं है, तो इन समस्याओं का रिस्क बढ़ना आसान है।
बच्चों को मिलेगा फायदा
इस अध्ययन के मुताबिक, टेस्टिंग के दौरान पहले से ही अस्पतालों से लिए गए ब्लड सैंपल्स जो कि बच्चों के थे, उनकी जांच हुई। इससे शुरुआती संकेतों को भी जल्दी पहचानने में आसानी होगी और उपचार भी जल्दी शुरू होगा। टीम ने 1,300 मोटे बच्चों में भी इस जांच का परीक्षण किया था। रीडिंग के बाद कई बच्चों में टाइप-1, टाइप-2 और इंसुलिन रेजिस्टेंस और ब्लड प्रेशर की भी पुष्टि हुई थी।
बच्चों में डायबिटीज के लक्षण
बार-बार पेशाब जाना या बिस्तर में पेशाब करना।
ज्यादा प्यास लगना।
हर टाइम थकावट और कमजोरी।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।