Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर तब होता है जब फेफड़ों में खतरनाक सेल्स लगातार बढ़ती चली जाती हैं और उनका इलाज नहीं होता है. इस कैंसर से बचाव के लिए सर्जरी, कीमोथेरैपी, रेडिएशन, इम्यूनोथेरैपी और सटीक दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है. फेफड़े के कैंसर में कैंसर सेल्स फेफड़े में ही पनपती हैं और ज्यादातर श्वसन नली से शुरू होती हैं और फिर फेफड़े के बाकी हिस्सों तक फैलने लगती हैं. ऐसे में समय रहते फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षणों (Lung Cancer Symptoms) को पहचानना और इस कैंसर को ट्रीट करना जरूरी है. यहां जानिए फेफड़े के कैंसर के वॉर्निंग साइन (Lung Cancer Warning Signs) कौन-कौनसे हैं और किस तरह शुरुआती स्टेज में ही इस कैंसर की पहचान हो सकती है.
फेफड़े के कैंसर के शुरुआती लक्षण | Early Signs Of Lung Cancer
बार-बार खांसी आना
फेफड़े के कैंसर के लक्षणों में बार-बार खांसी आना शामिल है. अगर 1-2 हफ्तों से ज्यादा दिन तक खांसी लगातार आ रही है तो यह चिंता का विषय है और डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.
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सीने में दर्द
सीने में दर्द होना कैंसर के वॉर्निंग साइंस में शामिल है. अगर सीने का दर्द दवाई खाने पर भी नहीं जा रहा है तो यह गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है.
खून की खांसी
अगर खांसी के साथ ही खून नजर आने लगा है या मुंह से खून निकल रहा है तो यह फेफड़े के कैंसर का लक्षण हो सकता है.
सांस फूलना
अगर हल्का-फुल्का कोई काम करने पर, थोड़ा सा भी चलने पर या फिर बिना कुछ किए ही सांस फूलने लगे तो इसे उम्र बढ़ने का इशारा समझकर हल्के में नहीं लेना चाहिए. इस तरह सांस फूलना फेफड़े की समस्याओं के चलते हो सकता है.
आवाज में बदलाव
अगर आवाज ठीक तरह से नहीं निकल रही है, आवाज में हवा का दबाव ज्यादा लग रहा है या कहें आवाज बदल गई है तो ऐसा श्वसन नली में किसी अवरोध के कारण हो सकता है. ऐसा फेफड़ों के कैंसर में भी होता है.
कुछ निगलने में तकलीफ होना
फेफड़ों की दिक्कतों के कारण खाना निगलने में दिक्कत हो सकती है. इसे इग्नोर करने की गलती नहीं करनी चाहिए.
वजन कम होना और सूजन दिखना
हर समय थकान महसूस होना और अचानक से ही वजन कम होना शुरू हो जाना फेफड़ों की किसी बीमारी या फेफड़ों के कैंसर में भी होता है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है. इसके अलावा, फेफड़े का कैंसर (Fefde Ka Cancer) होने पर चेहरे, गर्दन, बाहों पर और छाती के ऊपरी हिस्से पर सूजन नजर आ सकती है.
किन लोगों को फेफड़ों के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है
- धूम्रपान करने वाले लोगों को फेफड़ों के कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है या वे लोग जो अब स्मोक नहीं करते लेकिन पहले किया करते थे.
- सैकंड हैंड स्मोक कर रहे लोग यानी वे लोग जिनके आस-पास कोई लगातार धूम्रपान करता है उन्हें भी फेफड़े के कैंसर का खतरा रहता है.
- ऐसे व्यक्ति जिसके परिवार में किसी को फेफड़े का कैंसर रहा हो उसे भी फेफड़े के कैंसर का रिस्क रहता है.
- प्रदूषण वाली जगह में रह रहे लोगों को भी फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना रहती है.
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