Kidney Disease: किडनी को हेल्दी बनाने कई लोग अलग-अलग तरीके को अपनाते हैं, क्योंकि इसका हेल्दी रहना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। किडनी शरीर में खून को साफ करने का काम करता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस बना रहता है। हेल्दी किडनी जरूरी हार्मोन को बढ़ाती है। इसके हेल्दी रहने से पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं। ऐसे इसे हेल्दी रखने के लिए बैलेंस डाइट, एक्सरसाइज और समय-समय पर रुटीन टेस्ट की सलाह दी जाती है। वहीं, किडनी की बीमारी को लेकर लोगों के बीच कुछ गलतफहमियां, तो आइए जानते हैं कि इसे लेकर डॉक्टर क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मणिपाल हॉस्पिटल व्हाइटफील्ड में कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी और ट्रांसप्लांट फिजिशियन डॉ. मारिया बेथसैदा मैनुअल के अनुसार, किडनी रोग के बारे में कई मिथक भ्रम हैं और ये इलाज में देरी का कारण बनते हैं। डॉ. साहू और डॉ. मैनुअल ने कुछ आम मिथकों के बारे में बताया, जिनके बारे में उन्हें उम्मीद है कि लोगों को अपनी किडनी के बारे में विश्वास करना बंद कर देना चाहिए।
बहुत से लोगों का मानना है कि किडनी की बीमारी सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को होती है। अगर सही देखभाल न की जाए तो किडनी से जुड़ी समस्याएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं, खास तौर पर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और किडनी की बीमारी वाले लोगों में। डॉ. साहू ने कहा कि उनकी किडनी कम उम्र में ही प्रभावित हो सकती है।
किडनी रोग को लेकर गलतफहमियां
मिथक- ज्यादा लिक्विड पीने से किडनी रोग से बचा जा सकता है।
क्या किडनी की बीमारी को रोकने के लिए हाइड्रेटेड रहना या ज्यादा पीना फायदेमंद है? डॉ. मैनुअल ने कहा कि हाइड्रेटेड रहना किडनी के लिए फायदेमंद है, जबकि किडनी की बीमारियों जैसे, एंड-स्टेज रीनल डिजीज या स्टेज 5 क्रॉनिक किडनी डिजीज में, ज्यादा लिक्विड पीना खतरनाक हो सकता है।
मिथक- हर्बल इलाज से किडनी रोग ठीक हो सकता है
एक मिथक है कि हर्बल इलाज किडनी की बीमारी को ठीक कर सकते हैं। डॉ. साहू सुझाव देते हैं कि कई हर्बल प्रोडक्ट अनियमित और टॉक्सिक एलिमेंट्स से बने होते हैं जो किडनी के लिए और भी ज्यादा हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए अपने आप कोई भी इलाज शुरू करने या हर्बल प्रोडक्ट पर डिपेंड होने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
मिथक- पेन किलर किडनी के लिए सेफ है
डॉ. साहू ने यह भी कहा कि बहुत से लोग मानते हैं कि पेन किलर शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, लेकिन एनएसएआईडी या नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं का ज्यादा सेवन करने से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही बीमार हैं।
ये भी पढ़ें-क्या है कोलेरा डिजीज? ओडिशा में फैली, 11 लोगों की अब तक मौत के बाद 30 जिलों में अलर्ट
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।