International Yoga Day 2025: प्रेग्नेंसी बहुत ही खास और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान महिलाओं को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की देखभाल की जरूरत होती है। शरीर में कई बदलाव होते हैं हार्मोनल चेंजेस का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में किए गए कुछ योग मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत ही लाभदायक माने जाते हैं। हालांकि, हर महिला की प्रेगनेंसी अलग होती है लेकिन अगर आप योग शुरू करना चाहती है तो आपको पहले डॉक्टर या किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए। तो आइए जानते हैं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुजाता देव से कि प्रेग्नेंसी के दौरान कौन-से योगासन करना मां और बच्चे की सेहत के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।
किस महीने से कर सकते हैं योग?
एक्सपर्ट के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाओं को दूसरे-तीसरे महीने के बाद से ही योग शुरू कर देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पहले के कुछ महीने में गर्भ ज्यादा संवेदनशील होता है, इसलिए अगर आप योग शुरू करना चाहती हैं तो सबसे पहले किसी डॉक्टर या योग्य विशेषज्ञ से अनुमति जरूर लें।
कौन-से योग हैं फायदेमंद?
कैट-काउ पोज (मार्जरी आसन)
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान कैट-काऊ पोज करती हैं तो यह आपकी रीढ़ की हड्डी और पीठ के दर्द से राहत दिला सकता है। इसके साथ ही यह बच्चे की पोजीशन को सही बनाए रखने में मदद करता है। मार्जरी आसन पीठ की अकड़न, तनाव और थकावट से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है।
ताड़ासन
प्रेग्नेंसी के दौरान ताड़ासन करना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है। यह शरीर में संतुलन और स्थिरता बढ़ाता है, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव लाकर ऊर्जा प्रदान करता है और थकान व आलस को दूर करने में मदद करता है।
बद्धकोणासन (तितली आसन)
तितली आसन बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर आप इसे रोजाना करती हैं तो डिलीवरी में आसानी होती है। यह जांघों और हिप्स की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके साथ ही गैस और कब्ज की समस्या में भी आराम देता है बद्धकोणासन करने से यूट्रस को सपोर्ट मिलता है जिससे बच्चे की ग्रोथ भी सही और अच्छी होती है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद योग है। यह मन को शांत करता है और चिंता को दूर करता है। इस योग को करने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है,
जो मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद जरूरी है। यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है।
वज्रासन
वज्रासन पाचन को सुधारता है, खासकर प्रेग्नेंसी में होने वाली अपच में राहत देता है। प्रेगनेंसी में पैरों और पीठ में जो दर्द होता है, उसमें यह आराम देता है। इसके साथ ही अगर आपको गैस व एसिडिटी की दिक्कत होती है तो यह उससे राहत दिलाने में मदद करता है।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाले डर और चिंता को दूर करता है। यह प्राणायाम हार्मोन बैलेंस में भी काफी सहायक होता है।
खानपान का रखें विशेष ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को भोजन थोड़े-थोड़े हिस्सों में करना चाहिए। आयरन रिच फूड्स, विटामिन्स, साबुत अनाज, फाइबर और दाल का सेवन जरूर करना चाहिए, जिससे बच्चे की ग्रोथ अच्छे से हो।
ये भी पढ़ें- International Yoga Day 2025: सेहत में चार चांद लगा देंगे ये 12 योगासन, आज से ही करें शुरू