International Women Day 2025: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। हर साल यह दिन 8 मार्च को ही मनाया जाता है। इस दिन को महिलाओं के प्रति सम्मान और उपलब्धियों के लिए समर्पित किया गया है। महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करती हैं और आज पुरुषों जितनी ही आत्मनिर्भर और सफल हैं। महिलाओं की सेहत से जुड़ी एक स्वास्थ्य समस्या यह है कि इनमें कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं, जिसका गलत उपचार इनकी सेहत को बिगाड़ सकता है। इसमें और भी ज्यादा गंभीरता का विषय यह है कि इन रोगों का इलाज पुरुषों पर जितना नकारात्मक नहीं पड़ता, उससे कहीं ज्यादा महिलाओं पर पड़ता है। इन रोगों में हार्ट डिजीज, ऑटोइम्यून बीमारियां शामिल हैं। आइए इस गंभीर स्थिति के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्यों होता है ऐसा?
महिलाओं में इन बीमारियों के गलत निदान होने के पीछे कई कारण शामिल हैं, जैसे कि कई बार बीमारी ऐसी होती है, जो पुरुषों में आम होती है, इस वजह से महिलाओं के अंदर समझने में परेशानी होती है। एक कारण अलग-अलग लक्षणों के दिखने का भी है। अन्य कारण यह भी है कि कई बार दवाएं भी पुरुषों और महिलाओं की हेल्थ कंडीशन के हिसाब से बदल जाती हैं जबकि बीमारी सामान्य होती है। महिलाओं में अक्सर गंभीर बीमारियों के संकेतों में हार्मोनल चेंज, स्ट्रेस और तनाव दिखाई देते हैं, जिसे अमूमन लोग मेंटल हेल्थ से जोड़ते हैं। इन बीमारियों का गलत इलाज होने का एक कारण स्वास्थ्य सेवाओं में रिसर्च और स्टडी की कमी भी है।
कौन-कौन सी हेल्थ प्रॉब्लम्स का होता है गलत इलाज?
1. हार्ट डिजीज (Heart Disease)
हृदय रोग महिलाओं की बढ़ती मृत्युदर का प्रमुख कारण है, फिर भी इसके लक्षणों को अक्सर गलत समझा जाता है। पुरुषों में अक्सर दिल के दौरे के दौरान सीने में दर्द का अनुभव होता है, वहीं महिलाओं में मतली, थकान, चक्कर आना, जबड़े में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। कई बार फीमेल्स में दिखने वाले ये संकेत अलग बीमारियों जैसे कि अपच की स्थिति में नजर आते हैं। इसलिए, इसे हार्ट अटैक का इशारा समझने में दिक्कत होती है।
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2. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
यह भी एक दर्दनाक स्थिति होती है जिसमें महिला के गर्भाशय में दर्द, ऐंठन और बाउल सिंड्रोम की समस्या होती है। इस बीमारी से लाखों महिलाएं पीड़ित हैं, जिसका सटीक इलाज अधिकतर महिलाओं को नहीं मिल पाता है। इसका गलत इलाज होने का एक कारण यह है कि कई बार इस बीमारी का सालों तक पता नहीं चल पाता है और हम सही उपचार प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
3. कैंसर
महिलाओं में होने वाली सबसे ज्यादा एक्टिव और जानलेवा बीमारी कैंसर है। भारत में ब्रेस्ट कैंसर से कई महिलाएं पीड़ित भी हैं। इसके लक्षण ऐसे होते हैं, जो अन्य बीमारियों से सीधे तौर पर मेल खाते हैं। जैसे कि पेट फूलना, पीठ दर्द और अनियमित पीरियड्स, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं और हार्मोनल चेंजेस। इसके संकेत इतने ज्यादा मिनिमल होते हैं कि समझने में काफी देर हो जाती है और इलाज भी देरी से होता है।
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