Diwali 2025: भारत में वायु प्रदूषण दिवाली के समय अपने चरम पर होता है. हमें लगता है कि सिर्फ पटाखे ही हवा को गंदा करने में अपना योगदान देते हैं या फिर इन पटाखों से ही हमारी तबीयत बिगड़ती है. लेकिन, दिवाली पर शौक से जलाई जाने वाली मोमबत्ती भी हमें बीमार कर सकती है, खासतौर से खुशबू वाली मोमबत्ती यानी सेंटेड कैंडल्स (Scented Candles). मोमबत्ती से वैक्स, अरोमा सब्सटैंस या डाई का धुआं निकलता है. इस टॉक्सिक धुएं से व्यक्ति एक नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से दोचार हो सकता है. जनरल फिजीशियन और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका सहरावत AIIMS दिल्ली से ट्रेंड हैं. डॉ. प्रियंका ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से वीडियो शेयर करके बताया है कि घर में सैंटेड कैंडल्स क्यों नहीं जलाने चाहिए. डॉ. प्रियंका सहरावत ने बताया कि दिवाली पर आपको किसी को भी सैंटेड कैंडल्स गिफ्ट में क्यों नहीं देने चाहिए.
डॉक्टर ने बताए सैंटेड कैंडल्स के नुकसान | Scented Candles Side Effects According To Doctor
डॉ. प्रियंका सहरावत का कहना है कि खुशबू वाली मोमबत्ती या सेंटेड कैंडल्स से कैंसर का खतरा बढ़ता है. सेंटेड कैंडल्स कुछ हार्मफुल कंपाउंड्स होते हैं जैसे कि पैराफिन वैक्स, बेंजीन और टोलुइन. जब ये कैंडल्स जलती हैं तो इसमें से कई कंपाउंड्स, हाइड्रोकार्बन या अरोमेटिक हाइड्रोकार्बन निकलते हैं जिनकी वजह से हमें इनकी सुगंध अच्छी आती है. लेकिन, ये सारी चीजें कैंसर इंड्यूसिंग एजेंट की तरह काम करती हैं. रिसर्च में यह देखने को मिला है कि इससे ब्लैडर कैंसर (Bladder Cancer) का रिस्क बढ़ सकता है.
डॉक्टर ने बताया कि आप सैंटेड कैंडल्स के बजाय प्लांट बेस्ड कैंडल्स गिफ्ट में दे सकते हैं. चाहे तो होममेड कैंडल्स दे सकते हैं जिनमें सिंथेटिक डाई या आर्टिफिशियल सुगंध का इस्तेमाल नहीं होता. अगर आप सेंटेड कैंडल्स इस्तेमाल करना ही चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके कमरे में हवा आर-पार होती हो. कमरा अच्छी तरह से वेंटिलेटेड होना चाहिए. इससे हाइड्रोकार्बन एक्यूमिलेट नहीं होंगे और रिस्क कम होगा.
सेंटेड कैंडल्स से ये दिक्कतें भी हो सकती हैं
एक स्टडी में पाया गया कि सैंटेड कैंडल्स इस्तेमाल करने वाले लोगों ने कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की शिकायत की है. इन दिक्कतों में वर्टिगो, सिर दर्द, सांस लेने से जुड़ी दिक्कतें, इरिटेशन, आंखों से पानी आना, नाक भर जाना, छींक आना, छाती में टाइटनेस महसूस होना, गले का इरिटिटेड और सूखा होना शामिल है.
पैराफिन वैक्स से बनाई गई सस्ती सेंटेड कैंडल्स ज्यादा केमिकल्स रिलीज करती हैं. इनमें ना सिर्फ वैक्स क्वालिटी खराब होती है बल्कि इनमें डाई और आर्टिफिशियल सेंट होते हैं जो जलने के बाद तरह-तरह के केमिकल रिलीज करते हैं. इसीलिए सेंटेड कैंडल्स अगर खरीद भी रहे हैं तो इसकी क्वालिटी का खास ख्याल रखें.
अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज 24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.