Diabetes ak din mein hogi theek: डायबिटीज़ से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. एम्स, नई दिल्ली के सर्जरी विभाग के डॉक्टर मंजूनाथ के अनुसार, टाइप-2 डायबिटीज़ को केवल दो घंटे की एक विशेष सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया से अब तक सौ से अधिक मरीज़ों को फायदा मिला है और उनमें बीमारी के लक्षण पूरी तरह समाप्त हो गए हैं. डॉ. मंजूनाथ का कहना है कि देश में अनकंट्रोल्ड डायबिटीज़ एक “शांत लेकिन गंभीर स्वास्थ्य संकट” बन चुका है. जब दवाएं असर दिखाना बंद कर देती हैं, तब यह सर्जरी न सिर्फ जान बचा सकती है, बल्कि मरीज की उम्र में कई साल बढ़ा सकती है.
डायबिटीज़ क्यों होता है?
डायबिटीज़ तब पैदा होता है जब शरीर का पैंक्रियाज़ पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता. इससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है. इसके पीछे मोटापा, अनियमित जीवनशैली, गलत खानपान, जेनेटिक कारण, उम्र बढ़ना, तनाव और कुछ दवाओं का प्रभाव जैसी वजहें होती हैं.
सर्जरी में होता क्या है?
डॉ. मंजूनाथ के मुताबिक, इस ऑपरेशन में भोजन की प्राकृतिक मार्ग संरचना बदल दी जाती है. एक नई नलिकानुमा रास्ता बनाकर खाना सीधे छोटी आंत तक पहुंचता है, जिससे शरीर में हार्मोनल और मेटाबोलिक परिवर्तन होते हैं. वे बताते हैं कि अनकंट्रोल्ड डायबिटीज़ कई गंभीर समस्याओं किडनी के खराब होने, दिल के दौरे, स्ट्रोक, आंखों की रोशनी कम होने और अंग काटने जैसे जोखिम—का कारण बनता है.
सर्जरी के बाद सिर्फ वजन घटने की वजह से ही सुधार नहीं होता, बल्कि शरीर के भीतर होने वाले गहरे हार्मोनल बदलाव डायबिटीज़ को तेजी से नियंत्रित करते हैं. उन्होंने कहा कि 30 से अधिक ऐसे मरीजों का ऑपरेशन किया गया, जिनमें से कई न तो ज़्यादा मोटे थे और न ही मोटापे से ग्रस्त थे. फिर भी सभी लोग अब डायबिटीज़ की दवाइयों से मुक्त हो चुके हैं.
24 घंटे में दिखता सुधार
इस सर्जरी की सबसे खास बात है प्रतिक्रिया की गति. कई मरीजों में ऑपरेशन के अगले ही दिन ब्लड शुगर लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच जाता है. इससे यह साफ होता है कि इसका लाभ शरीर के वजन पर निर्भर नहीं करता. सर्जरी के बाद सुबह-सुबह ही कई मरीजों में ग्लूकोज लेवल में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है.
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