Diabetes Risk Factors: क्या आप जानते हैं सिर्फ शुगर वाले फूड नहीं हैं जो आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा भी कई ऐसे फैक्टर हैं, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। तनाव, नींद की कमी, मीठे का सेवन और यहां तक कि उम्र बढ़ने जैसे फैक्टर ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाने में भूमिका निभा सकते हैं।
डायबिटीज की बीमारी खराब जीवनशैली के कारण होती है, इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी में कमी, खराब डाइट, नींद की कमी जैसे अन्य फैक्टर डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं। आइए ब्लड शुगर बढ़ने के रिस्क फैक्टर के बारे में जानें-
ये हैं रिस्क फैक्टर
तनाव और डर
जब शरीर को किसी खतरे का एहसास होता है, चाहे वह फिजिकल हो या मनोवैज्ञानिक, यह फिजिकल रिएक्शन का एक समूह शुरू कर देता है, जिसमें किसी चीज के फीडबैक के लिए एनर्जी देने के लिए ब्लड फ्लो में ग्लूकोज भी शामिल है। इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है।
नींद की कमी होना
खराब नींद की आदतें शरीर के हार्मोनल इंबैलेंस कर सकती हैं, जिससे इन्सुलिन रेजिस्टेंस और हाई ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। इसके अलावा, नींद की कमी से मीठे खाने की लालसा बढ़ सकती है, जिससे ब्लड शुगर में और वृद्धि हो सकती है।
People with diabetes usually start experiencing symptoms of hypoglycemia when their blood sugar levels drop below 70 mg/dL, but this threshold can vary widely from person to person.
Hypoglycemia typically occurs when a meal is missed or delayed, after unaccustomed heavy… pic.twitter.com/LovIAsjO8J
— Dr.V.Mohan (@drmohanv) October 16, 2023
नाश्ते में कम प्रोटीन लेना
कम प्रोटीन वाला नाश्ता ब्लड शुगर बढ़ा सकता है, क्योंकि प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट को सोखने को धीमा करने में मदद करता है, जिससे भोजन के बाद ब्लड शुगर का लेवल ज्यादा स्थिर हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के बिना, कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने के बाद शरीर ब्लड शुगर के लेवल में ज्यादा तेजी से बढ़ना महसूस कर सकता है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर
एस्पार्टेम या सुक्रालोज जैसे आर्टिफिशियल मीठे का इस्तेमाल अक्सर डाइट प्रोडक्ट्स में चीनी के ऑप्शन के रूप में किया जाता है, रिसर्च से पता चलता है कि वे अभी भी ब्लड शुगर के लेवल और इंसुलिन सेंसिटिविटी को प्रभावित कर सकते हैं। यह आने वाली चीनी में इंसुलिन को ट्रिगर करने वाला मीठा एक कारण हो सकता है।
उम्र बढ़ना
लोगों की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, उनका शरीर ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल कम कर पाता है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ ही ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए बैलेंस डाइट और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी सहित हेल्दी लाइफस्टाइल की आदतों को अपनाना चाहिए।
फाइबर की कमी
फाइबर ब्लड फ्लो में शुगर के अब्जॉर्बशन को स्लो करने में मदद करता है, ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ावा देता है। कम फाइबर और हाई रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाले आहार से भोजन के बाद ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
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— Diabetes Daily (@diabetesdaily) February 29, 2024
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