Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता वायु प्रदूषण बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो रहा है। यह स्थिति सर्दियों में शुरू होती है, जब पराली जलाने और वाहनों के धूएं से दिल्ली और नोएडा के आस-पास धूएं की चादर चढ़ी होती है। आज 30 अक्टूबर को दिल्ली का AQI बवाना में 317, नरेला 302, बुराड़ी 292, द्वारका 275 और रोहिणी में 292 दर्ज किया गया है। दिवाली के बाद पटाखों की वजह से वायु की गुणवत्ता और भी ज्यादा खराब हो सकती है। आइए जानते हैं प्रदूषण से बच्चों के विकास और स्वास्थ्य पर कैसा असर पड़ रहा है।
प्रदूषण से बच्चों को होने वाले नुकसान
1. सांस संबंधी रोग
प्रदूषित हवा में मौजूद कण और हानिकारक गैसें जैसे कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड बच्चों के फेफड़ों को कमजोर कर सकते हैं। इससे उन्हें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चों की फेफड़ों की क्षमता पर असर पड़ता है।
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2. रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर असर
वायु प्रदूषण का बच्चों की इम्यूनिटी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ते हैं और उन्हें सर्दी, खांसी व अन्य सांस से जुड़े संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
3. मानसिक सेहत पर प्रभाव
प्रदूषण का असर बच्चों के मानसिक विकास पर भी पड़ता है। कई अध्ययन बताते हैं कि प्रदूषण में मौजूद टॉक्सिन्स और गैस बच्चों के मस्तिष्क के विकास में बाधाएं उत्पन्न करती हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और याददाश्त कमजोर होती है।
4. फिजिकल ग्रोथ में रुकावट
बच्चों में कम वजन, विकास में रुकावट और शारीरिक कमजोरी जैसे लक्षण प्रदूषण के कारण पैदा हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने से बच्चों में एलर्जी, साइनस और त्वचा संबंधित समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
5. कैंसर
हालांकि, कैंसर का खतरा हर किसी को है, लेकिन छोटे बच्चों को यह जल्दी और तेजी से प्रभावित कर सकता है क्योंकि बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों के मुकाबले वीक होती है।
बच्चों को ऐसे रखें सेफ
दिल्ली-एनसीआर का वायु प्रदूषण बच्चों की सेहत के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर सकता है। ऐसे में माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने और प्रदूषण के जोखिम को कम करने के लिए खास ख्याल रखने की जरूरत है।
1. बाहर खेलने का समय सीमित करें
इन दिनों में बच्चों को बाहर खेलने या किसी भी बाहरी गतिविधियों में हिस्सा लेने से बचाएं। कोशिश करें कि बच्चे ज्यादातर घर के अंदर ही रहें, ताकि उन्हें कम से कम प्रदूषण का सामना करना पड़े।
2. मास्क पहनाएं
अगर बच्चे बाहर जाना पड़ रहा है तो उन्हें मास्क पहनाना न भूलें। यह मास्क PM2.5 फिल्टर वाले N95 मास्क होने चाहिए, क्योंकि यह हवा के हानिकारक कणों से आपके बच्चों को सुरक्षित रखेंगे।
3. घर की हवा को साफ रखें
घर में हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और कुछ इंडोर पौधे जैसे एलोवेरा, मनी प्लांट, स्नेक प्लांट लगाएं जो हवा को शुद्ध करने में सहायक होते हैं।
4. पौष्टिक आहार दें
बच्चों के खान-पान में विटामिन-सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जिंक जैसे पोषक तत्व शामिल करें जो उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। साथ ही, उन्हें पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं ताकि उनका शरीर डिटॉक्स हो सके।
5. खिड़कियां बंद रखें
सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, तब खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। इससे बाहर की दूषित हवा घर में प्रवेश नहीं करेगी और घर के अंदर की हवा शुद्ध रहेगी।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।