Covid Alert: भारत में कोरोना के मामलों में महिलाओं की संख्या बहुत अधिक देखी गई है। इस आंकड़े की मानें, तो महिलाओं को अपनी सेहत का अधिक ख्याल रखना चाहिए। बता दें कि गाजियाबाद में मिले मरीजों में भी चार महिलाओं के प्रभावित होने की खबर बताई गई थी। वहीं, गुरुग्राम में भी महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। इस बार कोरोना के 4 नए वेरिएंट्स की पुष्टि हुई है। इन्हें ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट माने जा रहे हैं। क्या सच में ये वेरिएंट्स महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक हो सकते हैं? आइए जानते हैं डॉक्टर से।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
झारखंड के मैक्सिलोफेशियल सर्जन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, एमडीएस और एमपीएच डॉ. अनुज कुमार न्यूज-24 से खास बातचीत में बताते हैं कि इस बार कोरोना के नए वेरिएंट्स महिलाओं को प्रभावित कर रहे हैं लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक सबूत अभी तक नहीं मिला है। हालांकि, लॉन्ग कोविड के मामलों में महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं। खासतौर पर जिन महिलाओं की आयु 40 वर्ष से अधिक है, उन्हें कोरोना के संक्रमण का रिस्क अन्य से ज्यादा हो सकता है।
भारत में हाल ही में दो नए कोविड-19 वेरिएंट्स—NB.1.8.1 और LF.7 की पहचान हुई है।
ये दोनों वेरिएंट्स ओमिक्रॉन की JN.1 सबलाइन से उत्पन्न हुए हैं और वर्तमान में “Variants Under Monitoring” (VUM) की श्रेणी में हैं, जिसका अर्थ है कि इन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, लेकिन अभी इन्हें…
---विज्ञापन---— Dr Anuj Kumar (@dranuj_k) May 26, 2025
महिलाओं पर कोविड-19 के नए वेरिएंट का अधिक प्रभाव
शारदा अस्पताल की आंतरिक चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ सलाहकार, डॉ श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं कि महिलाओं में कोविड-19 के नए वेरिएंट का प्रभाव हार्मोनल और इम्यून सिस्टम भिन्नताओं के कारण अधिक हो सकता है। कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि महिलाओं में इन्फ्लेमेटरी रिस्पॉन्स पुरुषों की तुलना में अधिक होता है, जिससे गंभीर लक्षणों का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि, यह अभी भी शोध का विषय है और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
नए वेरिएंट के अलग लक्षण
JN.1 समेत सभी वेरिएंट्स से महिलाओं में सामान्य लक्षणों के अलावा, जैसे कि गले में खराश, बुखार, थकान, और नाक बहना, मानसिक लक्षण भी देखे गए हैं। अनिद्रा और चिंता जैसे लक्षणों की रिपोर्ट की गई है, जो महिलाओं में अधिक सामान्य हैं। यह लक्षणों की विविधता को दर्शाता है।
महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां
डॉ. अनुज कुमार बताते हैं कि महिलाओं को कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और अपना वैक्सीन समेत बूस्टर डोज, यदि आप ले सकते हैं, तो जरूर ले। गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 से बचाव के लिए विशेष रूप से अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना और नियमित चेकअप।
गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए जरूरी सलाह
गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 संक्रमण से गंभीर परिणामों का खतरा बढ़ सकता है, जैसे कि समय से पहले प्रसव और अस्पताल में भर्ती करवाने की आवश्यकता। WHO और CDC गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण की सलाह देते हैं, क्योंकि यह गंभीर बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के तरीकों को फॉलो करें
डॉ. अनुज बताते हैं कि महिलाओं को इस समय अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने के उपायों को फॉलो करना चाहिए जैसे कि संतुलित भोजन का सेवन करें। सही मात्रा में पानी पिएं और विटामिन-सी और डी युक्त फूड्स खाएं। पर्याप्त नींद लें तथा तनाव को कम करने के लिए योग व मेडिटेशन कर सकते हैं।
पहले कोविड हुआ है तो नए वेरिएंट से संक्रमण का रिस्क कितना?
यदि किसी महिला को पहले कोविड-19 संक्रमण हुआ है, तो उन्हें नए वेरिएंट के कारण पुनः संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर के अनुसार, टीकाकरण और बूस्टर डोज लेने से दोबारा इंफेक्शन के जोखिम को कम किया जा सकता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं नियमित रूप से टीकाकरण कराएं।
ये भी पढ़ें- Covid Alert: भारत में कोरोना का चौथा वेरिएंट कितना खतरनाक? पहले तीनों के मिल चुके केस