Chronic Constipation Causes: अगर कोई इंसान हफ्ते में तीन बार या उससे भी कम बार टॉयलेट जाता है, तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है। यह सिर्फ कब्ज नहीं, क्रोनिक कब्ज की समस्या हो सकती है। प्रतिदिन 3-4 बार फ्रेश होना भी सही नहीं होता, लेकिन हफ्ते के सातों दिनों में सिर्फ 3 बार ही मल त्याग करना आपकी ओवरऑल हेल्थ के सही न होने का संकेत होता है। दरअसल, कुछ लोग अमूमन बच्चे बहुत कम शौच करते हैं लेकिन इसे यह मानकर नजरअंदाज कर देते हैं कि वे ज्यादा खाना नहीं खाते हैं। मगर हमारे शरीर का प्रोसेस ऐसा नहीं होता है। बॉडी को टॉक्सिन्स को रिलीज करने के लिए पेशाब और शौच दोनों करना पड़ता है। आइए समझते हैं इस बीमारी के बारे में।
एक्सपर्ट ने जताई चेतावनी
आयुर्वेदाचार्य तनमय गोस्वामी बताते हैं कि अगर इंसान खाना खाता है और उसे अपने शरीर से बाहर नहीं निकालता है, तो वे अपने शरीर में सभी बीमारियों को खुद बुला रहा है। इसे आयुर्वेद में मल बद्धता कहते हैं। ये ऐसी स्थिति होती है जिसमें लोग मल को त्याग नहीं कर पाते हैं, सरल भाषा में समझें तो सुबह या दिन में किसी भी समय पॉटी नहीं करते हैं।
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दवा नहीं है समाधान
गोस्वामी कहते हैं कि लोग इस परेशानी को समझने तो लगे हैं लेकिन आज भी इसका सही समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं। वे फ्रेश होने के लिए भी दवा, चूर्ण और अन्य चीजों का सेवन करने लगे हैं और ये समझते हैं कि इससे उनकी परेशानी हल हो गई है जबकि उसके विपरीत हमारा शरीर इन दवाओं से और भी ज्यादा खराब हो रहा है।

क्या है इसका कारण?
एक्सपर्ट बताते हैं कि एक इंसान को प्रतिदिन 1 बार तो मल त्याग करना ही चाहिए। सुबह के समय शौच आ जाए तो उससे बेहतर कुछ और नहीं है। अगर कोई शख्स मल त्याग नहीं कर पा रहा है तो इसका एक ही कारण होता है कि उसके द्वारा खाया गया भोजन पचा नहीं है। खाना न पचने के कई कारण हो सकते हैं जैसे खाने में फाइबर की कमी, शरीर में पानी की कमी होना, एक्सरसाइज न करना या फिर किसी अन्य बीमारी जैसे थायरॉयड और डायबिटीज से जूझना।
किस बीमारी का संकेत?
मल त्याग करने में दिक्कत होना क्रॉनिक कब्ज का संकेत होता है। ये लंबे समय तक या बार-बार कब्ज की समस्या होती है। इसमें मरीज को कई बार एक-दो दिन नहीं हफ्ते में 2-3 ही बार मल त्याग होता है। ये गंभीर बीमारी हफ्तों या महीनों तक भी चल सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को टॉयलेट करने में कठिनाई होती है। इन्हें मल का शरीर से रिलीज करते समय दर्द होता है क्योंकि मल बहुत सख्त हो जाता है और कभी पेट पूरी तरह साफ नहीं हो पाता है।
इस उपाय से दूर होगी समस्या
आयुर्वेद में मल त्याग करने के लिए आसान नुस्खा बताया है। इस नुस्खे के लिए आपको एक ड्रिंक बनानी होती है। इसे बनाने के लिए आपको आधा गिलास पानी लेना है। इसमें हरड़, सौंठ का पाउडर और सेंधा नमक को आधा-आधा चम्मच मिलाकर घोल लेना है और पीना है। इसे पीने का सबसे सही समय रात को खाना खाने के बाद और सोने से पहले का है। इससे आपको दिनभर में खाया हुआ भोजन को अगले दिन सुबह शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलेगी। ध्यान रहे कि अगर आपको कब्ज बहुत ज्यादा नहीं है या कभी-कभी होती है तो इस ड्रिंक को बार-बार न पिएं।
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