International Chess Day 2025: क्या आप जानते हैं चेस उर्फ शतरंज की शुरुआत कौन से देश से हुई थी? भारत ही चेस को दुनिया से रूबरू करवाने वाला देश है; ये खेल यहां कई सालों से है। कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है कि चेस महाभारत के चौसर खेल से मेल खाता है। हालांकि, यह एक बोर्ड गेम ही है, मगर लूडो या सांप सीढ़ी की तरह इसे खेलना आसान नहीं है। ये बोर्ड प्लस माइंड गेम है, जो स्मार्ट लोगों की पहली पसंद होता है। आपने टीवी या फिल्मों में देखा होगा कि बड़े-बड़े बिजनेसमैन और हाई-प्रोफाइल लोग चेस खेलते हैं। आज वर्ल्ड चेस डे के मौके पर जानिए आखिर क्यों इस खेल को खेलना हमारे माइंड और पर्सनालिटी को संवारता है।
क्या है इस साल की थीम?
इंटरनेशनल चेस डे हर साल 20 जुलाई को मनाया जाता है। इस साल की थीम “हर चाल मायने रखती है” है। इसका अर्थ है खेल की हर पहलू और हर स्ट्रोक जरूरी होता है; एक चाल से हार और जीत दोनों हो सकती है।
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सेहत के लिए क्यों लाभकारी?
अल्जाइमर हो या डिमेंशिया, बुढ़ापे में भूलने वाली ये बीमारियां बहुत आम होती हैं। शतरंज खेलने से मेमोरी पॉवर स्ट्रॉन्ग होती है। गुजरात के अपूर्वा अस्पताल में नेक एंड सर्जन विभाग की डॉक्टर रिंकी शाह बताती है कि इस खेल को खेलने से सिर्फ बचपना या एंटरटेनमेंट ही नहीं बल्कि याददाश्त भी तेज होती है। अगर किसी को याददाश्त की समस्या है या भूलने की बीमारी है, तो उन्हें भी शतरंज खेलना चाहिए।
शतरंज खेलने के फायदे
रीडिंग स्किल्स- एक्सपर्ट्स का मानना है कि चेस ऐसा खेल है जिसे खेलने से हमारे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। इस खेल को खेलने से दिमाग कुछ ऐसे केमिकल्स को रिलीज करता है जिससे मेंटल हेल्थ इंप्रूव होती है। बच्चों की इससे किताबों को पढ़ने की स्पीड बढ़ती है।
मैथ्स स्किल्स- शतरंज खेलने से बच्चों की मैथ्स में भी सुधार होता है। कुछ बच्चों की मैथ्स वीक होती है। इसलिए, उन्हें अबेकस और चेस खेलने के लिए कहा जाता है। इन दोनों की मदद से उनकी काउंटिंग स्किल्स और कैल्कुलेशन स्किल्स इंप्रूव होती हैं।
स्ट्रैटेजिक प्लानिंग- चेस खेलने से प्लानिंग करने में भी मदद मिलती है। अगर कोई इंसान योजना बनाने में या उनमें सफल नहीं रह पाता है, तो उसे इस खेल को जरूर खेलना चाहिए। ये गेम स्ट्रैटेजी बनाने और ऑर्गेनाइज रहने में मदद करता है। सिर्फ बच्चे नहीं, ये खेल उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें वर्कफ्रंट पर फोकस करने में दिक्कत आती है।
क्रिएटिविटी- कई बार क्रिएटिविटी यानी कुछ नया करने के लिए लोगों के पास क्वालिटी की कमी हो जाती है। बच्चों को स्कूलों में भी यह खेल खिलाया जाता है क्योंकि इस गेम से उनमें क्रिएटिविटी इंप्रूव होती है। ये उनमें स्किल डेवलप करने में भी मदद करते हैं।
पर्सनालिटी ट्रेट- चेस खेलने से इंसान की पर्सनालिटी में भी सुधार होता है। शतरंज मेंटल हेल्थ इंप्रूव करता है, जिससे वह स्मार्ट वर्क करने में विश्वास रखता है। इससे ऑप्टिमिस्टिक थिंकिंग होती है, जिससे पॉजिटिव सोच बढ़ती है। माना जाता है जो लोग अपनी सोच सकारात्मक रखते हुए भविष्य की प्लानिंग करते हैं, उन्हें सक्सेस जल्दी मिलती है।
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