Caterpillar Fungus : कैटरपिल फंगस का इस्तेमाल टीबी, खांसी, एनीमिया और पीठ-घुटने के दर्द को ठीक करने में किया जाता है। यह गंभीर बीमारी के लिए टॉनिक का काम करता है। एक नए शोध में पता चला है कि कैटरपिलर पर उगने वाले ऑरेंज जोंबी फंगस का उपयोग कैंसर के इलाज में किया जा सकता है, जिसे कॉर्डिसेप्स नाम से जाना जाता है।
वैज्ञानिकों ने नए शोध में पाया है कि कॉर्डिसेप्स नामक यह फंगस कैंसर कोशिकाओं में अति सक्रिय कोशिका वृद्धि संकेतों को रोककर काम करता है। कैटरपिलर पर उगने वाले फंगस का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है। उनका मानना है कि यह रोगियों के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन जैसे विकल्पों की तुलना में कम हानिकारक इलाज है।
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कैसे काम करता है यह फंगस?
एफईबीएस लेटर्स में प्रकाशित शोध में पता चला है कि कॉर्डिसेपिन हेल्थ टिशूज को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर सेल में वृद्धि संकेतों को बाधित करके काम करता है। इस ऑरेंज कवक का प्रयोग ट्रेडिशनल एशियन मेडिसिन में लंबे समय से किया जाता रहा है, लेकिन अब शोधकर्ता इसके कैंसर से लड़ने वाले गुणों को समझने लगे हैं।
कॉर्डिसेपिन के प्रभाव पर शोध
नॉर्थम्पटन विश्वविद्यालय के फार्मेसी स्कूल की टीम ने हजारों जीनों पर कॉर्डिसेपिन के प्रभाव का अध्ययन किया और पाया कि यह कॉर्डिसेपिन ट्राइफॉस्फेट में परिवर्तित हो जाता है, जो एक ऐसा यौगिक है, जो कैंसर सेल्स की वृद्धि को रोकता है। इसे लेकर लेखक डॉ. कॉर्नेलिया डी मूर ने कहा कि वे कई सालों से विभिन्न रोगों पर कॉर्डिसेपिन के प्रभावों पर शोध कर रहे हैं। हर चरण में यह समझने के करीब पहुंच रहे हैं कि इसका प्रभावी उपचार के रूप में कैसे उपयोग किया जा सकता है।
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कैंसर की दवाइयों के रूप में किया जा सकता है इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि उनका डेटा पुष्टि करता है कि कॉर्डिसेपिन का इस्तेमाल कैंसर की दवाइयों के रूप में किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड महामारी के बाद से अस्पतालों में भर्ती मरीजों में घातक फंगल रोगों में वृद्धि आई है। हालांकि, कॉर्डिसेप्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की लिस्ट में शामिल नहीं है।