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सिर्फ 15 मिनट में Breast Size बढ़ जाएगा; जानें क्या है नई टेक्नोलॉजी और इसके फायदे?

Breast Implant Technology: ब्रेस्ट इंप्लांट की नई टेक्नोलॉजी सामने आई है, जिससे 15 मिनट के अंदर स्तनों का साइज बढ़ जाएगा। न ऑपरेशन की जरूरत पड़ेगी और न ही सर्जरी के बाद के निशान रहेंगे। न बेड रेस्ट करना पड़ेगा और न ही कोई दर्द बर्दाश्त करना होगा। आइए इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानते हैं...

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Aug 16, 2024 14:12
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Breast Implant Technology
Breast Implant Technology

Injectable Breast Implant Technology: महिलाएं अकसर अपने ब्रेस्ट साइज को लेकर परेशान रहती हैं। किसी के बहुत छोटे होते हैं तो किसी के जरूरत से ज्यादा बड़े होते हैं। इन्हें सही साइज देने के लिए महिलाएं ब्रेस्ट इंप्लांट कराती हैं। यूं तो मेडिकल वर्ल्ड में कई टेक्नोलॉजी और ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी कराने की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन लंदन के आईकोनिक एस्थेटिक्स के एरिन अलेक्जेंडर और प्लास्टिक सर्जन डॉ. एड्रियन रिचर्ड्स ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी दुनिया के सामने पेश की है, जिससे 15 मिनट के अंदर ब्रेस्ट का साइज बी से सी हो जाएगा। इस टेक्नोलॉजी को आजमाया भी गया है और यह दुनिया की पहली इंजेक्टेबल ब्रेस्ट इंप्लांट टेक्नोलॉजी है। एक महिला ने इस टेक्नोलॉजी से ट्रीटमेंट कराया और उसके ब्रेस्ट का साइज 15 मिनट के अंदर बी से सी हो गया। डॉक्टर एरिन ने गत मंगलवार को ही ‘दिस मॉर्निंग’ शो में जोसी गिब्सन और राइलन क्लार्क के साथ मिलकर इस टेक्नोलॉजी के बारे में बताया।

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इस तरह इस्तेमाल की जाएगी टेक्नोलॉजी

डॉ. रिचर्ड्स ने बताया कि एरिन एलेक्जेंडर ने 13 दिन पहले ही सर्जरी कराई। ऑपरेशन करने के बाद वे अगले ही दिन मॉर्निंग वॉक पर निकली और कुछ दिन बाद उन्होंने जिमिंग शुरू कर दी। डॉक्टर बताते हैं कि ब्रेस्ट इंप्लांट की ट्रेडिशनल टेक्नोलॉजी में स्तनों के नीचे चीरा लगाकर उत्तक और छाती की मांसपशियों से ट्रांसप्लांट किया जाता है, लेकिन इंजेक्टेबल टेक्नोलॉजी में एक छोटा-सा चीरा लगाकर इंजेक्शन दिया जाएगा, जिससे ब्रेस्ट फूल जाएंगे।

फिर कुछ मिनटों का इंतजार किया जाएगा, ताकि वे ढीले पड़ जाएं। इसके बाद धीरे-धीरे अंदर भरी हवा निकलने लगेगी और वे साइज में आते जाएंगे। यह अब तक का पहला इंजेक्टेबल इम्प्लांट है और ब्रिटेन इसमें अग्रणी है। ट्रेडिशनल टेक्नोलॉजी में सर्जरी आमतौर पर सामान्य एनेस्थेटिक के तहत की जाती है और मरीज को पूरी तरह से ठीक होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं। मरीज को 2 सप्ताह तक काम से छुट्टी लेने की सलाह दी जाती है और स्तनों के नीचे चीरे के निशान रह जाते हैं।

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न बेहोश करने की जरूरत, न ही दर्द होगा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एरिन कहती हैं कि वे सर्जरी कराना चाहती थीं, लेकिन चीरे के निशान रहने का डर था। क्योंकि वे कभी भी यह महसूस नहीं करना चाहती थी कि उन्होंने कोई सर्जरी कराई है। एक जानकार से उन्हें इस सर्जरी के बारे में पता चला और उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया। एरिन कहती हैं कि वह अननेचुरल नहीं दिखना चाहती थीं और इंजेक्टेबल इंप्लांट टेक्नोलॉजी ने उन्हें वह शरीर दिया, जो वह हमेशा से चाहती थी। अब उनके स्तन वैसे हैं, जैसे वे चाहती थीं।

एरिन बताती हैं कि नई इंप्लांट टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करनी बहुत आसान है। पूरी प्रक्रिया में लगभग 45 मिनट लगे और पूरी प्रक्रिया के दौरान वह डॉक्टर से बातें करती रहीं। उनके ब्रेस्ट साइज में आने में 15 मिनट से ज्यादा समय भी नहीं लगा। डॉ. रिचर्ड्स बताते हैं कि कि इस टेक्नोलॉजी का एक नेगेटिव पॉइंट भी है। इससे ब्रेस्ट साइज केवल एक या दो साइज ही बढ़ता है, लेकिन उपचार कम समय होता है। एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं। दर्द भी नहीं होगा और छोटा-सा न दिखने वाला निशान पड़ेगा।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Aug 16, 2024 02:04 PM

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