Avoid Wheat Roti For 21 Days: गेहूं के आटे की रोटी लगभग भारत के हर घर में बनाई जाती है। इसकी रोटियां सालों से लोग खाते आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये हमारे शरीर के लिए उतना लाभकारी नहीं है जितना हम इसे समझते हैं। गेहूं भले ही पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है लेकिन यह भी सच है कि इसे खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल स्पाइक हो जाता है। गेहूं की रोटी जल्दी नहीं पचती है, जिस कारण ये डाइजेशन को बिगाड़ सकते हैं। कैंसर एक्सपर्ट डॉक्टर तरंग कृष्ण कहते हैं कि यदि कोई 21 दिनों तक गेहूं छोड़ देते हैं तो वे कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं।
क्यों न खाएं गेहूं की रोटी?
दिल्ली के मशहूर कैंसर एक्सपर्ट डॉक्टर तरंग कृष्ण एक पॉडकास्ट शो पर बताते हैं कि हमें अगर अपनी हेल्थ पर फोकस रखना है तो आपको सबसे पहले अपनी डाइट को बदलने की जरूरत होती है। डाइट में सबसे जरूरी होता है अनाज। इसमें सबसे हानिकारक अनाज गेहूं माना जाता है। अगर हम सिर्फ 21 दिनों तक गेहूं न खाएं तो पूरे शरीर में बदलाव दिखेगा।
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गेहूं के नुकसान जानिए
एक्सपर्ट बताते हैं गेहूं खाने से लोगों को इंफ्लेमेशन की समस्या होती है। इंफ्लेमेशन यानी शरीर में सूजन की समस्या होना। कई लोगों को पता भी नहीं होता है कि उन्हें गेहूं की एलर्जी है, जिस वजह से उन्हें आगे चलकर समस्या होती है। गेहूं ग्लूटेन से भरपूर होता है। ऐसे में इन लोगों को पेट में, चेहरे पर और फिर हाथों-पैरों में सूजन होती है। इन्हें गैस की समस्या हो सकती है और पूरे दिन थकान लगती रहेगी।

क्या खाना चाहिए?
डॉक्टर कहते हैं कि गेहूं की जगह मोटे अनाज की रोटियां खा सकते हैं। रागी या बाजरा खा सकते हैं। इन्हें खाने से आप देखेंगे कि आपकी फिटनेस पहले से काफी ज्यादा बेहतर हो गई है। इसके साथ-साथ उन्हें मोटे अनाज से शरीर को कई प्रकार के अलग-अलग न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे। गर्मियों में ज्वार के आटे की रोटी खानी चाहिए और सर्दी में हमें बाजरे की आटे की रोटी खानी चाहिए।
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