Tips To Prevent Asthma Attack During Diwali: दिवाली के फेस्टिवल में अब बस कुछ ही दिनों का टाइम बचा है। सभी के घरों पर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हालांकि, अस्थमा मरीजों के लिए दिवाली में परेशानियां पैदा होती हैं। पटाखों से निकलने वाला धुआं उनके लिए मुसीबत बन सकता है। दिवाली पर अस्थमा के मरीज कैसे अपना ध्यान रख सकते हैं, जानिए डॉक्टर डी. भट्टाचार्य की जानकारी के आधार पर।
अस्थमा एक ऐसी कंडीशन होती है जिसमें हवा के रास्ते सूज जाते हैं और इसके अलावा कफ पैदा करते हैं। इससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है और खांसी, घरघराहट और सांस की तकलीफ हो सकती है। लॉग टर्म कंट्रोल करना वाली दवाएं जैसे इनहेल्ड कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स अस्थमा को कंट्रोल में रखने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण दवाएं हैं।
दिवाली में कैसे रखें ख्याल
बाहर जाने से बचना चाहिए
प्रदूषण बढ़ने के कारण एयर क्वालिटी पहले से ही खराब है। वहीं, दिवाली में पटाखे जलाने के कारण प्रदूषण और भी बढ़ता है ऐसे में आपको बाहर जाने से बचना चाहिए। क्योंकि हवा में मौजूद छोटे कण लंग्स में प्रवेश करते हैं तो सांस से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है।
इनहेलर का इस्तेमाल
अस्थमा मरीजों को दिवाली के मौके पर दवाइयां, इनहेलर अपने साथ रखना चाहिए। अगर गलती से भी प्रदूषण के संपर्क में आते हैं तो अटैक आ सकता है और इनहेलर ही अटैक को रोकने में मददगार साबित होगा।
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पटाखों से दूर रहना चाहिए
अस्थमा के मरीजों को पटाखे फोड़ने और पटाखों से दूर रहना चाहिए। इससे निकलने वाला धुआं एक तरह से एलर्जी बढ़ा सकता है। दमा के मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
हाइड्रेटेड रहें
अस्थमा मरीज खुद को हर समय हाइड्रेट रखें। दरअसल, तरल पदार्थ बॉडी में जाने वाले विषैले पदार्थ को निकाल देते हैं, इससे एलर्जी का खतरा कम रहता है।
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मास्क लगाकर रखें
घर के बाहर निकलें या छत पर भी जाएं तो फेस पर मास्क लगाकर ही निकलें। इससे प्रदूषण से सेफ रख सकते हैं।
मिठाई और शराब से रहें दूर
दिवाली के दिन ज्यादा मिठाइयां खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा अल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए। ये अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं।
अस्थमा के मरीजों में 4 लक्षण पाएं जाते हैं-
- अचानक से सांस की परेशानी
- खांसी
- रेस्पिरेटरी अटैक
- चेस्ट कंजेशन
एलर्जी के कारणों को जानना जरूरी
- सीजनल फ्लू
- सर्दियों में
- बरसात के मौसम
- दवाओं से भी होता है (aspirin medicine)
- एक्सरसाइज (दौड़ना)
अस्थमा का इलाज
- इनहेलर
- नेबुलाइजेशन
अगर अस्थमा के मरीज डॉक्टर की बातों का पालन करें तो वह भी डेली की एक्टिविटी आराम से कर सकते हैं।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।