Contraceptive Benefits and Risks: सुरक्षित शारीरिक संबंध के लिए गर्भनिरोधक (Contraception) का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। लेकिन किसी भी कॉन्ट्रासेप्शन पर 100 % भरोसा करना सही है या नहीं, ये अधिकतर महिलाओं को नहीं पता है।
कोई भी कॉन्ट्रासेप्शन सौ फीसदी सेफ नहीं होता है। जिसमें से एक है आईयूडी। ज्यादातर महिलाएं आईयूडी का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इसको लगाने के बाद भी महिलाओं को सतर्क रहने की बहुत जरूरत होती है। किसी भी गर्भनिरोधक को प्रयोग करने से पहले उसके बारे में सही जानकारी होना आवशयक है। क्योंकि कई महिलाओं को आईयूडी के सही इस्तेमाल की जानकारी नहीं होती है। आईयूडी के बारे में बता रही हैं Dwarkesh Hospital Vadodara से Health Expert Dr. Binal Shah-
आईयूडी क्या है
आईयूडी एक बेहतरीन गर्भनिरोधक है खासकर उन महिलाओं के लिए जो रोज गर्भनिरोधक गोलियां नहीं खा सकतीं। उनके लिए आईयूडी सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन आईयूडी को लगाना ही समस्या का हल नहीं है। बल्कि इसके बाद भी महिलाओं को पीरियड्स और शरीर में होने वाले बदलावों पर खास नजर रखने की जरूरत होती है।
आईयूडी का इस्तेमाल
आईयूडी (Intra Uterine Device) प्लास्टिक, तांबे से बना एक छोटा सा डिवाइस होता है। यह ‘T’ शेप का होता है, इसे ‘Copper T’ भी कहते हैं। यह डिवाइस यूटेरस के अंदर रखा जाता है जिससे गर्भ नहीं ठहर पाता है।
आईयूडी शुक्राणुओं (Sperms) को यूटेरस के जरिए फैलोपियन ट्यूब में जाने से रोकता है। आईयूडी गर्भाशय में 2 से लेकर 10 साल तक रह सकता है और प्रेग्नेंसी को रोकने में 90% तक कारगर है।
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आईयूडी का यूज ज्यादातर महिलाओं के लिए सुविधा प्रदान करता है इसलिए शिशु के जन्म के बाद महिलाएं इसका प्रयोग करती हैं। यह लगाने के लिए महिला डॉक्टर के पास जाकर यूट्रस में इंसर्ट करवाना होता है। एक बार आईयूडी यूटेरस में फिक्स हो जाती है, तो ऐसा नहीं लगता कि शरीर में कोई बाहरी चीज रखी गई है। आईयूडी लगाने के बाद सेक्शुअल रिलेशन बनाने में कोई समस्या नहीं होती है। आईयूडी के बाद महिलाएं बेफ्रिक होकर लंबे टाइम तक सेक्शुअल रिलेशन बना सकती हैं।
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सेफ्टी
आईयूडी का नेगेटिव पार्ट यह है कि इससे पैल्विक इंफेक्शन(Pelvic Infection) की संभावना रहती है। कुछ महिलाओं को आईयूडी लगाने के बाद हैवी पीरियड्स की परेशानी भी होने लगती है। अगर आईयूडी की एक्सपायरी डेट एक बार निकल जाए तो महिला को सावधानी रखने की काफी जरूरत होती है। क्योंकि ऐसी स्थिति में प्रेग्नेंसी और इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
रेगुलर चेकअप
मां बनने के बाद महिलाएं आईयूडी लगा तो लेती हैं, लेकिन इसके बाद लापरवाह भी हो जाती हैं। पीरियड्स न आने पर भी महिलाओं को चिंता नहीं रहती हैं कि वो प्रेग्नेंट नहीं हैं। इसके चलते कई बार बड़ा नुकसान हो जाता है। प्रेग्नेंसी के बारे में अगर देर से पता चलता है तो गर्भपात(Abortion) कराना पॉसिबल नहीं होता है। यदि आईयूडी अपनी जगह से हट जाए या खिसक जाए तो गर्भ ठहरने का चांस बढ़ जाता है। भले ही आप 3 या 5 साल के लिए आईयूडी का इस्तेमाल करें, फिर भी अपना रेगुलर चेकअप डॉक्टर से कराते रहना चाहिए।