Subrata Roy Funeral: सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत राॅय का गुरुवार दोपहर बाद बेहद गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया है। हालांकि उनके दो बेटे उनके अंतिम बार दर्शन नहीं कर सके, वहीं चिता को मुखाग्नि पोते हिमांक राॅय ने दी है। इससे पहले सहारा श्री के पार्थिव शरीर को जनता दर्शन के लिए राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित सुब्रत रॉय के आवास सहारा सिटी में रखा गया था, जहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की लंबी लाइनें लगी रही। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, फिल्म प्रोड्यूडसर बोनी कपूर, जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह, राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा समेत अनेक गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्वांजलि अर्पित की। यहां से दोपहर बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, जो वैकुंठ धाम पहुंचकर संपन्न हुई। सुरक्षा के लिहाज से वैकुंठ धाम के बाहर पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
इन बीमारियों से जूझ रहे थे सहारा श्री
बता दें कि मशहूर बिजनेसमैन सुब्रत राॅय सहारा का 75 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था। आज सुबह उनके पार्थिव शरीर को चार्टर प्लेन से मुंबई से लखनऊ लाया गया था। सहारा प्रमुख पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।सहारा इंडिया की ओर से जारी किए अपडेट के अनुसार सुब्रत राॅय मेटास्टेटिक स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसे बीमारियों से जूझ रहे थे। इसके बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 14 नवंबर की रात 10ः30 उनका निधन हो गया। इससे पहले तबीयत खराब होने के बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हाॅस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
Saddened to know about the demise of Sahara Shri #SubrataRoy Ji! Met him many times on different occasions! He was always ready to help, kind and larger than life. May god rest his soul in peace! Om Shanti! 🙏🕉 pic.twitter.com/Mx6gB8zUwY
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 15, 2023
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पैरोल पर जेल से बाहर थे
बता दें कि पटना हाईकोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ निवेशकों के पैसे लौटाने को लेकर एक मामला चल रहा था। लोगों ने सहारा की कई कंपनियों में निवेश किया था। मामले में पटना हाईकोर्ट के गिरफ्तारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा था। इस पर वह जमानत पर बाहर थे। मामले में सहारा इंडिया ने दावा किया था कि उन्होंने सारा पैसा सेबी के पास जमा करा दिया है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें अरेस्ट किया गया था। वे 2 साल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहे। हालांकि स्वास्थ्य कारणों के चलते कोर्ट ने उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया था।