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Abu Azmi के औरंगजेब वाले बयान में कितनी है सच्चाई, क्या कहते हैं इतिहासकार ?

Abu Azmi Aurangzeb Statement :समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी द्वारा दिया गया बयान लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। वह अपने बयान के लिए माफी भी मांग चुके हैं लेकिन मामला अभी भी गर्माया हुआ है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Mar 5, 2025 19:54
Abu Azmi Aurangzeb Statement
Abu Azmi Aurangzeb Statement, file photo

Abu Azmi Aurangzeb Statement : सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने मुगल सम्राट औरंगजेब को लेकर कुछ टिप्पणियां कीं। उनके इस बयान ने फिर से एक ऐतिहासिक और राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। अबू आजमी का यह बयान औरंगजेब की धार्मिक नीतियों और शासनकाल के बारे में था, जिसे लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई है। अब सवाल उठता है कि उनके बयान में कितनी सच्चाई है और क्या वे इतिहास का सहारा लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं? आइए जानते हैं इतिहासकारों से कि अबू आजमी द्वारा दिए गए बयान में कितनी सच्चाई है।

क्या अबू आजमी इतिहास का सहारा ले रहे?

अबू आजमी का कहना है कि उनके द्वारा दिया गया बयान इतिहास को संदर्भ में रखते हुए दिया गया है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या यह सच है। क्या अबू आजमी इतिहास का सहारा लेकर अब इस विवाद से अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं। उनके बयान में काफी हद तक औरंगजेब के शासनकाल की प्रशंसा की गई है। हालाकि, अबू आजमी ने अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग ली है। बावजूद इसके यह मामला अभी भी गर्माया हुआ है।

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इतिहास में कहीं भी औरंगजेब को न्यायप्रिय नहीं लिखा गया

इतिहासविद् डॉ. तरुण शर्मा का कहना है कि मुगलों के इतिहासकारों ने ही औरंगजेब को कहीं भी दयालु नहीं लिखा है। वह एक कट्टर मुस्लिम संम्राट था। वह भेदभावपूर्ण जजिया कर वापस लाया था जो हिंदू निवासियों को चुकाना पड़ता था। औरंगजेब इस्लाम की सख्त और रूढ़िवादी व्याख्या के लिए जाना जाता था। उसने शरिया कानून लागू करने और पूरे साम्राज्य में इस्लामी प्रथाओं को फिर से लागू करने की मांग की। इसके कारण हिंदू मंदिरों का विध्वंस, गैर-मुस्लिमों पर भेदभावपूर्ण कर लगाना और धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हुआ। औरंगजेब द्वारा कई मंदिरों को तोड़कर वहां मस्जिदें बनाई गईं। इसमें काशी,अयोध्या और मथुरा प्रमुख हैं।

अबू आजमी के इस बयान से मचा घमासान

अबू आजमी ने मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि जो इतिहास हमें पढ़ाया जा रहा है, वह गलत है। औरंगजेब ने कई मंदिरों का निर्माण किया था… औरंगजेब क्रूर नहीं था। उन्होंने कहा कि मैंने औरंगजेब के बारे में जितना अध्ययन किया है, उससे मुझे यह समझ में आया कि उसने कभी भी जनता का धन अपनी भलाई के लिए नहीं लिया। उसका साम्राज्य बर्मा (वर्तमान म्यांमार) तक फैला हुआ था और उस समय भारत को ‘सोने की चिड़ीया’ कहा जाता था। उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे और उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे।

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औरंगजेब का ऐतिहासिक संदर्भ

आरंगजेब (1618-1707) भारतीय मुगल साम्राज्य का छठा सम्राट था, जिसे इतिहास में एक विवादास्पद शासक के रूप में जाना जाता है। औरंगजेब के शासनकाल को लेकर ऐतिहासिक दृष्टिकोण में मतभेद रहे हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब का शासन भारतीय समाज के लिए हानिकारक था क्योंकि उसने अपनी धार्मिक नीतियों में हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया और जजिया कर (हिंदू नागरिकों पर लगाया गया कर) को फिर से लागू किया। इसके बावजूद कई अन्य इतिहासकार यह भी मानते हैं कि औरंगजेब के शासनकाल में हिंदू साम्राज्य को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए थे और उसने कई हिंदू राजाओं को प्रशासन में महत्वपूर्ण स्थान दिया था।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Mar 05, 2025 07:43 PM

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