अश्विनीकुमार: वेब सीरीज ‘ताज’ की कहानी अपने सेकेंड सीजन तक आ पहुंची है। पहला सीजन था ‘Taj: Divided by Blood’ और दूसरा ‘Taj- Reign of Revenge’।
पहले सीजन से दूसरे सीजन तक ताज में बहुत कुछ बदल गया है। सबसे बड़ी बात कि ताज का दूसरा सीजन पहले से 10 गुना बेहतर है और इसकी वजह है इस ताज के बादशाह का बदलना।
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Taj: Reign of Revenge में विभू पुरी ने डाली जान
पिछले सीजन के डायरेक्टर रॉन स्कैल्पेलो ने भारत में मुगलिया सल्तनत की बारीकियां पकड़ने की जगह उसे कुछ ज्यादा इंटरनेशनल फील के साथ सेक्स और पॉवर के लिए टकराव वाला शो बना दिया था। जहां शहंशाह का हरम उसकी कनीज ही इस बुनियाद बनी थी। मगर इस बार दूसरे सीजन यानि की ताज: रेजिन ऑफ रिवेंज में जान डाली है विभू पुरी ने।

Taj: Reign of Revenge Review
डकैत बन चुका है सलीम
ताज के दूसरे सीजन की कहानी वहीं से शुरु होती है, जहां पहले का खात्मा हुआ था यानी कि अनारकली मर चुकी है। उसकी मौत का बदला लेने के लिए सलीम डकैत बन चुका है, वो शहंशाह अकबर के खजाने लूटता है। 15 साल बीत चुके हैं और अकबर की जगह ‘शहंशाह-ए-हिदुस्तान की कुर्सी पर बैठने के लिए तीन दावेदार हैं। पहला सबसे छोटा बेटा दानियाल जो अब बेहद खतरनाक बन चुका है, दूसरा सलीम का बेटा खुसरव और तीसरा दावेदार भी सलीम का ही बेटा- खुर्रम।

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फिर भगोड़ा बन जाता है सलीम
अकबर, शेख सलीम चिश्ती की दरबार में पहुंचते हैं और उनसे मुगलियां सल्तनत को बिखरने से बचाने के लिए मदद मांगते हैं। उनकी सलाह पर ही सलीम से सुलह करने की वो पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन छोटे भाई दानियाल की साजिश के चलते सलीम को एक बार फिर भगोड़ा बनना पड़ता है और वक्त के साथ सलीम अपनी ताकत बढ़ाता है और इलाहाबाद की सल्तनत पर गद्दी नशीं हो जाता है।

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मल्लिका-ए-हिंदुस्तान बनने की ख़्वाहिश में किसी भी हद तक जा सकती है ‘मेहरून्निसा’
मगर दानियाल, सलीम का पीछा नहीं छोड़ता… वो बार-बार सलीम पर वार करता है और आख़िर ना चाहते हुए भी सलीम के हाथों ही मारा जाता है। इन सबसे सलीम की मदद करती है ‘मेहरून्निसा’, जो सलीम से मोहब्बत और मल्लिका-ए-हिंदुस्तान बनने की ख़्वाहिश में किसी भी हद तक जा सकती है।

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मेहरुन्निसा बनती है ‘नूरजहां
अनारकली के लिए बदले को तड़पते सलीम को मेहरून्निसा से मोहब्बत होती है। साथी ही वो अपने जानिसारों की मदद से अपने सारे दुश्मनों को खत्म करता है। शहंशाह अकबर की मौत के बाद वक्त और हालात और मेहरुन्निसा के रिश्तों की मदद से सलीम हिंदुस्तान के शहंशाह की जगह लेता है और मेहरुन्निसा बनती है ‘नूरजहां। मगर इन सब खेल में इस तख्त का असल वारिस सलीम का बेटा खुर्रम किले से भाग जाता है और खुसरव को अपनी आंख़ें खोनी पड़ती हैं।

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नसीरूद्दीन शाह ने दिखाया पूरा रंग
अकबर के किरदार में पहले सीजन में खूब क्रिटिसाइज हुए नसीरूद्दीन शाह ने इस दूसरे सीजन में अपना पूरा रंग दिखाया है। आपको अहसास होता है कि इस अदाकार के लिए अदाकारी का आसमान भी छोटा है। शेख सलीम चिश्ती बने धर्मेंद्र भी इस बार अपना गहरा असर छोड़ते हैं।

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सलीम के ख़्यालों में नजर आती है अदिति राव हैदरी
उनकी आंख़ों के नीचे की झुर्रियां और आवाज इस किरदार में वजन लाती है। शाह सलीम से जहांगीर बनने तक आशिम गुलाटी का किरदार भी इस बार निखरा है। अदिति राव हैदरी चंद लम्हों के लिए सलीम के ख़्यालों में नजर आती हैं, लेकिन असर छोड़ जाती हैं।
मेहरुन्निसा से नूरजहां बनने तक लेयर्ड परफॉरमेंस से जीता दिल
शाह दानियाल बने शुभम कुमार मेहरा ने भी बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन इस बार यानी ताज के सेकेंड सीजन में आप किसी के दीवाने बनेंगे तो वो हैं- मेहरुन्निसा से नूरजहां बनने तक अपनी लेयर्ड परफॉरमेंस से दिल जीतने वाली सौरसेनी मैत्रा। उनके किरदार में कमाल की वैरिएशन हैं, जिसे उन्होंने बेहद बखूबी से निभाया है।
‘ताज: रेजिन ऑफ रिवेंज’ को 3 स्टार
8 एपिसोड के सेकेंड सीजन का क्लाइमेक्स भी आपको उम्मीदें देता है, जहां खुर्रम यानि शाहजहां और मुमताज के प्यार की झलक दिखाई देती है और ताज के तीसरे सीजन का ऐलान बिना कुछ कहे कर दिया जाता है। ‘ताज: रेजिन ऑफ रिवेंज’ को 3 स्टार।