Pankaj Udhas: हिन्दी सिनेमा के दिग्गज सिंगर पंकज उधास के निधन की खबर ने सभी को हिला कर रख दिया है। 72 साल की उम्र में पंकज उधास ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। पंकज उधास अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी मौत की वजह कैंसर बताई जा रही है। लीजेंडरी सिंगर के निधन से सभी दुखी हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि बड़े पर्दे पर कामयाबी हासिल करने से लेकर कमाल की लव स्टोरी तक, पंकज उधास (Pankaj Udhas) की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। तो आइए आज हम आपको पंकज उधास के जीवन से रूबरू करवाते हैं।
गुजरात में हुआ जन्म
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के सौराष्ट्र में हुआ था। पंकज उधास ने अपनी शुरुआती शिक्षा वहीं से हासिल की। मगर उन्हें शुरू से ही म्यूजिक में काफी रुचि थी। लिहाजा कुछ समय बाद पंकज उधास ने मुंबई का रुख कर लिया। मंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने संगीत का भी हुनर निखारा और कुछ ही समय में बड़े पर्दे पर अपनी अलग पहचान बना ली।
छह साल की उम्र में शुरू किया करियर
पंकज उधास ने काफी कम उम्र में अपना करियर शुरू कर दिया था। उन्होंने महज छह साल की उम्र में म्यूजिक को अपनी दुनिया बना लिया था। वहीं पंकज उधास महज 11 साल के थे जब उन्होंने गाना गाकर 51 रुपए का इनाम जीता था। दरअसल इस दौरान देश में हर तरफ भारत चीन युद्ध के चर्चे थे। ऐसे में एक स्टेज परफॉर्मेंस के दौरान पंकज उधास ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना गाकर सभी का दिल जीत लिया था। वहीं ऑडियन्स में मौजूद एक शख्स ने खुश होकर पंकज को 51 रुपए का इनाम दिया था।
फिल्म इंडस्ट्री में की एंट्री
पंकज उधास को 1972 में आई फिल्म ‘कामना’ में गाने का ऑफर मिला। इस फिल्म के गाने ‘तुम कभी सामने आ जाओगे’ में पंकज उधास ने अपनी आवाज दी थी। इस गाने को लोगों ने काफी पसंद किया था। जिसके बाद पकंज उधास ने गायकी के साथ-साथ उर्दू भाषा भी सीखी और कुछ ही समय में वो मशहूर गजल गायक बन गए। पंकज उधास की कुछ गजलें और गाने आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं। इस फेहरिस्त में ‘चिट्ठी आई है’, ‘चांदी जैसा रंग तेरा सोने जैसे बाल’, ‘ना कजरे की धार’ जैसे गाने शामिल हैं।
2006 में मिला पद्मश्री
सिंगिंग के क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए पंकज उधास को कई खिताबों से नवाजा गया था। वहीं 2006 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके अलावा पंकज उधास को दादाभाई नौरोजी मिलेनियम अवार्ड और स्पेशल अचीवमेंट अवार्ड जैसे कई पुरस्कार मिले थे।
पंकज उधास की लव स्टोरी
70 के दशक में पंकज उधास का दिल फरीदा पर आ गया था। फरीदा पेशे से एयर होस्टेस थीं। दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर प्यार। मगर इस प्यार के बीच धर्म की दीवार सामने आ गई। पंकज उधास ने जैसे तैसे अपने परिवार को तो मना लिया। मगर फरीदा की फैमिली ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया था। हालांकि लंबे इंतजार के बाद फरीदा का परिवार भी शादी के लिए मान गया और पंकज ने हमेशा के लिए फरीदा का हाथ थाम लिया।