Petrol Diesel Rate: दिवाली के बाद आम जनता के लिए खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल पेट्रोल और डीजल के दाम घट सकते हैं, वो इसलिए क्योंकि कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट पिछले कुछ समय से देखी जा रही है। कच्चे तेल का भाव पिछले 4 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। 13 नवंबर को क्रूड का भाव 80 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था, इससे पहले 13 जुलाई को यह भाव 82 डॉलर प्रति बैरल था। सबसे ऊंचे भाव की बात करें तो वह 27 अक्टूबर को 96 डॉलर प्रति बैरल था।
17 फीसदी तक टूटे हैं दाम
यानी पिछले दो हफ्ते में कच्चे तेल के दाम करीब 17 फ़ीसदी तक टूटे हैं। अब आपको बताते हैं कि आखिर कच्चे तेल के दाम इतने घट क्यों रहे हैं, दरअसल इसके पीछे 3 बड़ी वजह बताई जा रही हैं,
पहला ये कि अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन पहले के मुकाबले कम बढ़े रहा है, दूसरा चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों से मांग में कमी की आशंका है। क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा इंपोर्ट करने वाला देश है। तीसरा कारण यह है कि चीन के रिफाइनेंस ने सऊदी अरब से कम तेल सप्लाई की मांग कर दी है।
भारत के लिए है गुड न्यूज
इन तीन वजहों से कच्चे तेल का भाव पिछले तीन हफ्तों में बड़ी तेजी से कम हुआ है। हालांकि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए गुड न्यूज है, इसके पीछे बड़ी वजह यही है कि भारत अपनी जरूरत का 75 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है। अब जब कच्चे तेल की कीमत गिर रही हैं तो उम्मीद करते हैं भारत के अंदर पेट्रोल और डीजल के दाम कुछ हद तक कम जरूर होंगे।
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कैसे तय होते हैं रेट्स
ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि अगले साल आम चुनाव हैं और सरकार पेट्रोल डीजल के दामों में कमी करके आम आदमी को तोहफा दे सकती है। क्रूड ऑयल $1 महंगा होने पर पेट्रोल-डीजल में 50 पैसे से 60 पैसे बढ़ने की संभावना रहती है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के मामले में भी इसी आधार पर कमी भारत में देखने को मिलती है।










