Gold Buying Tips: पुराने समय से ही सोना यानी गोल्ड खरीदना और उसमें निवेश करना एक अच्छा ऑप्शन माना गया है। भारतीय महिलाओं के बीच सोने के आभूषणों को पसंद किया जाता है। समय के साथ-साथ सोने की कीमतों में बदलाव हुआ है और इसे घर पर सुरक्षित रखना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है। ये ही कारण है कि लोग सोने से बने आभूषणों में पैसे निवेश (Gold Investment Tips) करने से घबरा जाते हैं।
बैंक लॉकर में भी गोल्ड को खरीदकर सुरक्षित रखने का सोचते हैं तो ये ही चिंता रहती है कि उनका गोल्ड वहां सुरक्षित रहेगा भी या नहीं? अगर आप भी इन सभी वजह या सोने के चोरी होने या फिर खो जाने के डर से सोना नहीं खरीदते हैं तो ये आपकी एक गलती हो सकती है।
दरअसल, सोने के चोरी होने या खो जाने या फिर प्राकृतिक आपदा के चलते गोल्ड का नुकसान होने पर आपको पूरे पैसे मिल सकते हैं। बस इसके लिए जरूरी है कि आप सोने को खरीदते समय एक बात का खास ध्यान रखें। वहीं, अगर आपके पास पहले से सोना खरीदा हुआ है और उसे सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोल्ड की टिप्स आपके काम आ सकती है।
कैसे मिलेंगे पूरे पैसे वापस?
सोने को खरीदने के दौरान अगर फ्री इंश्योरेंस का फायदा उठा लें तो शायद आपका डर कम हो जाए। जी हां, सोना खरीदने के दौरान मुफ्त में सोने का बीमा भी होता है। इसे करवाने पर गोल्ड चाहे चोरी हो जाए, आग में जल जाए, पानी में बह जाए या फिर कहीं गिर भी जाए आपको बीमा कंपनी की ओर से सोने का पूरा मूल्य दिया जाता है। ऐसे में आपको Gold के चोरी या खो जाने पर भी सोने के पूरे पैसे वापस मिल सकते हैं।
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क्या है गोल्ड इंश्योरेंस (What is Gold Insurance)
स्वर्ण बीमा यानी गोल्ड इंश्योरेंस सोने के आभूषणों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। इस बीमा के तहत अगर बैंक या घर में किसी अनहोनी के कारण गोल्ड को नुकसान होता है या फिर गोल्ड चोरी हो जाता है तो वित्तीय नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है। जरूरी नहीं है कि गोल्ड इंश्योरेंस के माध्यम से ही आभूषणों को सुरक्षित रखा जाए, आप चाहें तो घर के बीमा में भी गोल्ड को कवर कर सकते हैं। इस तरह से अगर आभूषणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
इस बात का रखें ध्यान
आपको बस इस बात का खास ध्यान रखना है कि सोने के गहनों की खरीद की रसीद को सुरक्षित रखना है। घर में चोरी, बैंक लॉकर में जमा गहनों का आकस्मिक नुकसान, लूट, प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति या हानि पहुंचने पर जब भुगतान का समय आता है तो कुछ बीमा कंपनियां गहनों से संबंधित दस्तावेजों को मांगती है। इसके अलावा कुछ कंपनियां सोने के मूल्य पर कवरेज देती हैं। प्रीमियम तय करने के लिए भी कई बार गहनों की खरीद रसीद की जरूरत पड़ती है।
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