EV subsidies No longer needed: भारत अब इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री जमकर हो रही है। जबकि कुछ समय पहले तक EVs बेचना काफी मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब किफायती मॉडल और खूब सारे ऑप्शन बाजार में आने लगे हैं। इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल से चलने वालों के बराबर आ गई है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अपने आप हो रही है। इसी बात को जानते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी पर बड़ा बयान दिया है। आइये जानते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी की अब जरुरत नहीं
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दी जाने वाली सब्सिडी की अब जरुरत नहीं है। क्योंकि ग्राहक अब खुद ही इलेक्ट्रिक वाहन चुन रहे हैं। हाल ही में हुए BNEF शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रोडक्शन कॉस्ट ज्यादा थी।
लेकिन अब ऐसा नहीं है। नितिन गडकरी कहा कि जैसे-जैसे मांग बढ़ी, उत्पादन लागत कम होती गई, जिससे आगे सब्सिडी की जरूरत नहीं और गडकरी यह भी बताया कि अब ग्राहक खुद ही इलेक्ट्रिक वाहन चुन रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि हमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ज्यादा सब्सिडी देने की जरूरत है। इस समय देश में हाइब्रिड कारों 28% GST लगाई जाती है, और इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST लगाई जाती है।
जारी है EMPS
इस समय Electric Mobility Promotion Scheme (EMPS) 2024 जारी है। जिसमें टू-व्हीलर उर थ्री व्हीलर पर सब्सिडी को दिया जा रहा है। इस योजना के तहत सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर 11,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही ही जबकि थ्री व्हीलर पर 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है।
साल 2015 में शुरू हुई थी FAME सब्सिडी
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए सबसे पहले साल 2015 में Fame सब्सिडी के पहले चरण को शुरू किया था जिसे आगे बढ़ाने हुए 31 मार्च 2019 तक कर दिया था। इस दौरान करीब 529 करोड़ रुपये के फंड को दिया गया था।
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